tag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post3134705892384018087..comments2024-03-19T13:02:02.211+05:30Comments on Dr. Vartika Nanda: Media Educator & Prison Reformer: अश्क में भी हंसी है: वर्तिका नन्दा की कविताएं: 2012Dr Vartika Nandahttp://www.blogger.com/profile/15717526581949287288noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-19331483961315731662009-09-21T15:08:29.279+05:302009-09-21T15:08:29.279+05:30बहुत ही बढ़िया कवितायें ---सरल शब्दों में लिखी गयी...बहुत ही बढ़िया कवितायें ---सरल शब्दों में लिखी गयी।<br />पूनमपूनम श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09864127183201263925noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-39134279721100731762009-09-21T00:58:43.949+05:302009-09-21T00:58:43.949+05:30बेहद खूबसूरत कवितायें
और भी खूबसूरत होतीं अगर छोट...बेहद खूबसूरत कवितायें <br />और भी खूबसूरत होतीं अगर छोटे फॉण्ट के चलते पढने में दिक्कत न आती फॉण्ट थोडा बड़ा कर दीजिये नroushanhttps://www.blogger.com/profile/18259460415716394368noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-15118689745840072142009-09-19T18:27:54.347+05:302009-09-19T18:27:54.347+05:30बेटियां गढ़ती ही हैं।
पथरीली पगडंडियां
उन्हे भटक...बेटियां गढ़ती ही हैं। <br />पथरीली पगडंडियां <br />उन्हे भटकने कहां देंगीं! <br />पांव में किसी ब्रांड का जूता होगा <br />तभी तो मचाएंगीं हंगामा बेवजह। <br />बिना जूतों के चलने वाली ये लड़कियां <br />अपने फटे दुपट्टे कब सी लेती हैं <br />और कब पी लेती हैं <br />दर्द का जहर <br />खबर नहीं होती। <br /><br />वर्तिका जी ,<br />आपके लेखों की ही तरह कविताओं में काफी तेज धार है ..ये कवितायेँ हमारे समाज में लड़कियों की हालत को बहुत साफ और सरल ढंग से चित्रित कर रही हैं .<br />हेमंत कुमारडा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-88393728436807167512009-09-19T16:59:35.890+05:302009-09-19T16:59:35.890+05:30वर्तिका मैं तो हैरान रह गई तुम्हारी कविताएँ पढ़ कर ...वर्तिका मैं तो हैरान रह गई तुम्हारी कविताएँ पढ़ कर ! बड़ी अद्भुत भावनात्मक अभिव्यक्ति है.. तुम सचमुच बहुत अच्छा लिखती हो. मेरा विश्वास है कि तुम नाम करोगी एक दिन पर उस दिन अपनी इस पोस्ट पर मेरी टिप्पणी को याद ज़रूर कर लेना...<br /><br />अशेष स्नेह सहित,<br />मीनू खरेMeenu Kharehttps://www.blogger.com/profile/12551759946025269086noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-54807573709461304892009-09-19T12:35:11.180+05:302009-09-19T12:35:11.180+05:30सभी सोचने को बाध्य करती हैं... आखिरी वाली का तो भु...सभी सोचने को बाध्य करती हैं... आखिरी वाली का तो भुक्तभोगी हूँ... सचमुच ऐसा ही होता है न्यूज़ रूम !aसागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-76038522581966209722009-09-18T19:32:50.099+05:302009-09-18T19:32:50.099+05:30सुन्दर अभिव्यक्तिपूर्ण रचनाये बधाईसुन्दर अभिव्यक्तिपूर्ण रचनाये बधाईमहेन्द्र मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/00466530125214639404noreply@blogger.com