tag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post6826655443216364805..comments2024-03-19T13:02:02.211+05:30Comments on Dr. Vartika Nanda: Media Educator & Prison Reformer: गुल्लकDr Vartika Nandahttp://www.blogger.com/profile/15717526581949287288noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-48621144535256635422010-11-17T23:37:26.083+05:302010-11-17T23:37:26.083+05:30मौसमों को भी कई बार बाहुपाश में समेटा
सर्द दोपहर क...मौसमों को भी कई बार बाहुपाश में समेटा<br />सर्द दोपहर की घाघरे सी फैली धूप में<br />बाहर बैठे<br />कैसे बातें लिपटती गईं थीं<br />इतिहास की तह में जाकर भी<br />वो दोपहरें आबाद थीं<br /> <br />जाने क्यों इस जीवन को छोड़ने का मन ही नहीं करता<br />वर्तिका जी, आपकी कविताओं में अभिव्यक्ति के अनेकों रंग दिखाई पड़ते हैं----शब्दों की सरलता और खूबसूरत बिम्ब उन्हें और आकर्षक बनाते हैं। अच्छी कविता।डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-88732643714406082312010-11-04T13:22:30.647+05:302010-11-04T13:22:30.647+05:30बेहद सुन्दरता से भावों को संजोया है। संभाल कर रखिय...बेहद सुन्दरता से भावों को संजोया है। संभाल कर रखियेगा इस यादों की गुल्लक को।<br />दीप पर्व की हार्दिक शुभकामनायें।vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-21105597981877148702010-11-03T23:57:40.721+05:302010-11-03T23:57:40.721+05:30बहुत ही कमाल की रचना ...गुल्लक को एक नए रूप में दि...बहुत ही कमाल की रचना ...गुल्लक को एक नए रूप में दिखाया आपनेअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-68247741122854652982010-11-03T23:37:11.495+05:302010-11-03T23:37:11.495+05:30आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....आपको और आपके परिवार को दीपावली की शुभकामनाएं ....संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-29677374287352814762010-11-03T23:36:19.717+05:302010-11-03T23:36:19.717+05:30पसंद आया यह अंदाज़ ए बयान आपका. बहुत गहरी सोंच हैपसंद आया यह अंदाज़ ए बयान आपका. बहुत गहरी सोंच हैसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6106111973053802651.post-32426642009393702942010-11-03T23:35:39.723+05:302010-11-03T23:35:39.723+05:30जिंदगी को खुशहाल करती कविता...।
सकारात्मक सोच के स...जिंदगी को खुशहाल करती कविता...।<br />सकारात्मक सोच के साथ जीवन को एक उत्सव बनाया जा सकता है। हम तो यही संदेश लेकर जा रहे हैं।सिद्धार्थ शंकर त्रिपाठीhttps://www.blogger.com/profile/04825484506335597800noreply@blogger.com