14 April, 2023
Ambedkar Jayanti: Jail Radio to open for women inmates in District Jail, Jind
Bringing tremendous change in the prison atmosphere
Helpful in reducing depression, improving well-being of inmates
On the occasion of Dr. Bhim Rao Amedkar Jayanti, District Jail, Jind has opened its prison radio for the women inmates. These inmates were trained by prison reformer and founder of Tinka Tinka Foundation, Dr. Vartika Nanda. Today, the prison radio acquired its status of being officially functional. These jail radios are being encouraged by Mohammad Akil, DG, Prisons, Haryana.
Jail Radio in Haryana started with its soft launch on January 1, 2023. Objective of Tinka Jail Radio is to motivate inmates to encourage literacy and education, enhance their skills pertaining to radio, reduce depression and foster a positive prison environment.
Process of Tinka Jail Radio
Dr. Vartika took auditions of the incarcerated inmates in Jind jail and conducted training sessions for them over a period of the past few months. 7 male inmates and 4 female inmates were finally selected. A separate set of inmates were chosen as singers. These inmates have now acquired the status of radio jockeys. All these inmates were trained by Dr. Vartika Nanda.
Important announcements
Dr. Vartika Nanda announced that now women inmates will also be engaged as radio jockeys and will be given the opportunity to share their experiences. Women inmates and their children will be permitted to participate in these programmes. Radio programming will include 7 different programmes, which will greatly emphasise on education and music. Jind radio will now be broadcasted for 3 hours everyday.
Today, it was announced that inmates will also become part of Tinka Jail Radio Podcasts which are the podcasts in India dedicated to prison reforms.
As an essential component of its much-acclaimed Tinka Model of Prison Reforms, the organization has pioneered the campaign to establish prison radio in 7 of 19 jails in the state of Haryana, as well as in the barracks of Dehradun and Agra. As a part of these initiatives, nearly 100 talented and well-deserving inmates have so far received special training under Dr. Vartika Nanda's supervision. Objective of the jail radio is to make inmates aware about national as well as social issues. Bollywood songs and Haryanavi folk music is especially loved by inmates.
Jail radio room
Today, the jail radio room was decorated by posters made by inmates. Sanjeev Kumar, Jail Superintendent of District Jail, Jind, welcomed the jail radio initiative. He mentioned that the prison department is deeply grateful to Dr. Vartika Nanda for her initiatives in Haryana jails. He underlined the fact that jail radio has been healing the problem of depression amongst the inmates. Jail radio has bridged the communication gap in jails and changed the mindset of inmates for the better.
Phases of Prison Radio: The backdrop
Prison radio in Haryana has been introduced in three phases- first phase covered three jails - District Jail Panipat, District Jail Faridabad and Central Jail Ambala.
The second phase had District Jail, Karnal, District Jail, Rohtak, District Jail, Gurugram and Central Jail (I) Hisar. In the third phase, 5 jails were selected. These are District Jails Sirsa, Sonipat, Jind, Jhajjar and Yamunanagar.
State’s first Jail Radio was inaugurated at Panipat by Shri Ranjit Singh, Jail Minister, Haryana.
About Tinka Tinka & Dr. Vartika Nanda
Tinka Tinka Foundation is the brainchild of prison reformer and media educator Dr. Vartika Nanda who is credited for establishing prison radio stations in Haryana. These radio stations are carving space for a new cultural life by offering inmates the vocal medium to share their emotions, thoughts and musical expressions with the society. In 2019, Dr. Nanda established radio in District Jail, Agra, located in the oldest jail building in the country. These radio stations were given special support by Shri Rajiv Arora, ACS Home, and Shri K Selvaraj, then DG Prisons in their establishment. Shri Akil Mohammad, DG Prisons, has also extended his unconditional support to this journey.
Dr. Nanda has been honored with Stree Shakti Award from the President of India in 2014 for her efforts in prison reforms. Her work on prisons has twice found a place in the Limca Book of Records. Currently, she heads the Department of Journalism in Lady Shri Ram College, University of Delhi.
14 अप्रैल, 2023
अंबेडकर दिवस/ बैशाखी पर्व जींद जेल रेडियो और महिला बंदियों की भागीदारी
हरियाणा की जेलों में रेडियो ला रहा है बड़े बदलाव
अवसाद में कमी, संवाद में बेहतरी
डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती पर डॉ. वर्तिका नन्दा, संस्थापक तिनका तिनका फाउंडेशन द्वारा जेल रेडियो के लिए प्रशिक्षित की गईं महिला बंदियों को रेडियो जॉकी के रूप में शामिल किया गया। साथ ही जेल रेडियो स्टेशन को बंदियों के लिए पूर्णरूप से चालू कर दिया गया।
जेल रेडियो की शुरुआत
जिला जेल, जींद में 1 जनवरी 2023 को हरियाणा के महानिदेशक कारागार श्री मोहम्मद अकील के मार्गदर्शन में जींद जेल के अधीक्षक संजीव कुमार और डॉ. वर्तिका नन्दा के सहयोग से जेल के बंदियों के लिए जेल रेडियो की शुरुआत की गई थी। जेल रेडियो का मकसद बंदियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करना, रेडियो स्किल से जोड़ना, उनमें अवसाद की कमी लाना और उनमें सकारात्मक सोच विकसित करना है।
जेल रेडियो की प्रक्रिया
डॉ. वर्तिका नन्दा ने समय-समय पर जेल के बंदियों का ओडिशन लिया। बाद में 7 पुरुष बंदियों और 4 महिला बंदियों का चयन किया गया। इसके बाद इन बंदियों को रेडियो जोकी के तौर पर प्रशिक्षित किया गया।
महत्वपूर्ण घोषणाएं
जेल अधीक्षक संजीव कुमार ने बताया कि जींद जेल रेडियो अब हर रोज 3 घंटे का प्रसारण करेगा। इसमें 7 अलग-अलग तरह के कार्यक्रम होंगे। इनमें शिक्षा और संगीत से जुड़े कार्यक्रमों को विशेष अहमियत दी जाएगी।
डॉ. वर्तिका नन्दा ने बताया कि अब महिला बंदी भी रेडियो जोकी बनेंगी और अपने अनुभव साझा करेगी। वे प्रेरक कहानियां भी सुनाएंगी। महिला बंदी और उनके बच्चे भी इन कार्यक्रमों में हिस्सा ले सकेंगे। बंदियों को राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर जागरूक करने पर भी जोर होगा। देश की कला संस्कृति को बढ़ावा देने के कार्यक्रम भी नियमित तौर पर बनाए जाएंगे। यह बंदी अब तिनका तिनका जेल रेडियो का खास हिस्सा बनेंगे ताकि उनकी आवाज दुनिया के दूसरे देश बी सुन सकें। यह देश का इकलौता पोडकास्ट है जो जेल सुधार के सिए समर्पित हैं। हरियाणा के लोकगीत इस जेल रेडियो पर खास तौर से लोकप्रिय हैं। जेल में अन्य बंदी भी पर्ची के माध्यम से अपनी फरमाईश कर अपनी पंसद के गाने भी सुन सकेंगें। अब जेल में एक लेटर बोक्स भी स्थापित किया जा रहा है।
जेल रेडियो कार्यक्रम
जेल रेडियो के स्टूडियो को आज बंदियों के लिए बनाए पोस्टर्स से सजाया गया था। संजीव कुमार, अधीक्षक जेल, जिला जेल,जींद ने डॉ. वर्तिका नन्दा, संस्थापक तिनका-तिनका फाउंडेशन का जिला जेल जींद पर पहुंचने पर स्वागत किया। उन्होंने बताया कि हरियाणा जेल रेडियों की संकल्पना तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. वर्तिका नन्दा ने की है। वर्ष 2019 में तिनका तिनका फाउंडेशन ने जिला जेल, आगरा में जेल रेडियो स्थापित किया गया था। हरियाणा जेल रेडियो उन्हीं की संकल्पना पर आधारित है, जिसके लिए जेल विभाग की तरफ से उनका आभार भी व्यक्त किया। जेल रेडियो के माध्यम से पुरुषध् महिला बंदी अपने जीवन पर या किसी अच्छे कार्यो बारे अपने विचार साझा कर सकते हैं और अपनी छुपी हुई प्रतिभा को उजागर कर सकते हैं। जेल रेडियो को संचालन का मुख्य कारण जेलों को सुधार गृह बनाने में बहुत अच्छी पहल है। जेल रेडियो की वजह से जेलों में सवाद की कमी पूरी होगी और बन्दियों में सकरात्मक उर्जा का संचार होगा।
हरियाणा जेल रेडियो की पृष्ठभूमिहरियाणा में जेल रेडियो को तीन चरणों में शुरू किया गया है- पहले चरण में तीन जेलें शामिल थीं- जिला जेल पानीपत, जिला जेल फरीदाबाद और केंद्रीय जेल अंबाला। दूसरे चरण में जिला जेल, करनाल, जिला जेल, रोहतक, जिला जेल, गुरुग्राम और केंद्रीय जेल हिसार (1) शामिल हैं। तीसरे चरण में 5 जेलों का चयन किया गया। यै हैं- जिला जेल सिरसा, सोनीपत, जींद, झज्जर और यमुनानगर हैं।
हरियाणा के जेल मंत्री श्री रंजीत सिंह, कारागार मंत्री, हरियाणा ने 16 जनवरी, 2021 को पानीपत में राज्य के पहले जेल रेडियो का उद्घाटन किया था।
आज जींद जेल के विसेष समारोह में श्री बिरेंद्र सिंह उप-अधीक्षक जेल, श्री संदीप दागी, उप-अधीक्षक जेल, श्री धर्मचंद सहायक अधीक्षक जेल, श्री रमेश कुमार उप-सहायक अधीक्षक जेल व अन्य तमाम जेल स्टाफ के सदस्य उपस्थित रहे।
तिनका तिनका फाउंडेशन और डॉ वर्तिका नन्दा के बारे में
तिनका तिनका जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका डॉ. वर्तिका नन्दा की मुहिम है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कालेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं। उन्हें 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। जेलों पर उनके काम को दो बार लिम्का बुक आफ रिकार्ड्स में जगह मिली है। जेलों पर उनके काम पर 2018 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया था। ‘‘भारतीय जेलों में महिला बंदियों और उनके बच्चों की स्थिति का अध्ययन और उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में उनकी संचार आवश्यकताओं का अध्ययन‘‘ पर उनके हालिया शोध को आईसीएसएसआर द्वारा मान्यता मिली।
इससे पहले तिनका तिनका फाउंडेशन ने 2019 में जिला जेल, आगरा में जेल रेडियो शुरू किया था। हरियाणा में जेल रेडियो तिनका मंडल आफ प्रिजन रिफार्म्स पर आधारित है। हर साल तिनका तिनका फाउंडेशन तिनका तिनका इंडिया अवार्ड प्रदान करके भी कैदियों और जेल कर्मचारियों को प्रोत्साहित करता है। यह भारत के इकलौते अवार्ड हैं जो बंदियों और जेल स्टाफ को उनके विशेष कामों के लिए दिए जाते हैं।
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