Featured book on Jail

LANGUAGE AND PRINCIPLES OF ONLINE NEWS WRITING

Apr 5, 2012

थी. हूं.. रहूंगी... - पटना पुस्तक मेले में: वर्तिका नन्दा की किताब

आभार। आप सभी का। पटना का। जो प्यार आपने थी हूं रहूंगी को दिया, वह लंबे समय तक याद रहेगा। आप सबने अवसर को यादगार बना दिया। फिर वहां मौजूद पाठक, प्रेस के अपने साथी जिनका स्नेह छू गया।
पटना आकर आशीर्वाद लेना था। आप सबने भरपूर दिया। इसलिए आप सबको नमन।
इस यात्रा में आप सबने कई दीये रख दिए हैं। इसका अहसास बहुत गहरे तक है मुझे। इस यात्रा को आप सबने कई अर्थ दिए हैं। यह अर्थ अब मुझे अपने लिए नई पगडंडियों को तराशने में मदद करेंगें।
राजकमल की पूरी टीम के लिए भी मैं नतमस्तक हूं। कविताएं कुछ पन्नों में बंद ही रह जातीं, अगर आप सब न होते।

आभार। आभार। आभार
वर्तिका नन्दा

No comments: