Apr 22, 2024

Vartika Nanda Travelogue: Bhopal to Bhimbetka: 20 April, 2024

 ।।। Bhopal to Bhimbetka ।।।

एक शहर जो हैरान करता है। भोपाल वही शहर है। इस बार इस शहर से लगे भीमबेतका को दैखा और अब तक मेरी हैरानी चरम पर है।

The Bhimbetka rock shelters are an archaeological site in central India. Cave paintings dating back to approximately 30,000 years. Rock shelters that were home to humans, millennia ago. And a rich flora and fauna surrounding these, indeed, make Bhimbetka a gift to us from our earliest ancestors. The Rock Shelters of Bhimbetka has the oldest-known rock art in India, as well as is one of the largest prehistoric complexes to be seen. @mptourism @mptourism_ @cmmadhyapradesh @cm_._madhya_._pradesh_._ 

#VartikaNandaTravelogue 

Gratitude: Manoj Dwivedi जी . एक शहर जो हैरान करता है- यह शीर्षक Ashok Manwani जी से संवाद के आधार पर। आभार गिरिजाशंकर जी, डॉ. बालकृष्ण वैद्य और मीडिया के वे तमाम साथी जिनसे सुखद वार्ता ने यात्रा को रोमोांचक बनाया. Madhya Pradesh Tourism  Madhya Pradesh Tourism

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भीमबेटका विश्व का अनोखा शैल चित्र कला का स्थल है। भीमबेटका से सांची 100 किलोमीटर का बेल्ट संभवत: था विश्व का सबसे बड़ा रॉक आर्ट बेल्ट होगा। यह दोनों स्थान रायसेन जिले में ही हैं। एक समय यह शैल चित्र उस युग की दीवारों के कैलेंडर रहे होंगे। इंटीरियर डेकोरेशन में इनका उपयोग किया गया होगा। यह उस दौर के मनुष्य के सौंदर्य बोध का परिचायक भी हैं। भीमबेटका को एक योगी ने खोजा। उनका नाम विष्णु श्रीधर वाकणकर था।वे फक्कड़ स्वभाव के थे। अपने कार्य में तल्लीन रहने वाले। मस्त मौला व्यक्तित्व के पुरातत्व विद वाकणकर जी भोपाल से नागपुर जाने वाली रेल से सफर कर रहे थे। जब ओबैदुल्लागंज के कुछ आगे रेल लाइन पर रेल किसी तकनीकी कारण से भीमबेटका के पास रूकी तो जिज्ञासा वश उन चट्टानों को निहारते वाकणकर जी ने अपनी यात्रा स्थगित की। वे अपना झूला टांग कर वहीं उतर गए। कई माह अध्ययन अनुसंधान किया। बाद में यह स्थान एक विश्व विख्यात राक आर्ट स्थल के रूप में जाना गया। अशोक मनवानी





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