यह वीडियो लेक्चर दृश्य माध्यमों की भाषा की एक विस्तृत विवेचना प्रस्तुत करता है। दृश्य माध्यमों की भाषा को समझने के लिए मीडिया के तीन वर्गीकरणों पर ध्यान दिया गया है-
पब्लिक सर्विस ब्रॉडकास्टर,
सामुदायिक मीडिया और व्यवसायिक मीडिया।
निजी चैनलों के आने के बाद भाषा के कलेवर पर गहरा प्रभाव पड़ा है। भारत में दूरदर्शन का जन्म
1959 में हुआ। नब्बे के दशक में जब निजी चैनल आए तो चैनलों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बना। इससे कई बार खबरों की जांच-
परख में अनदेखी हुई और भाषा के साथ भी खिलवाड़ होता गया। संपादकीय विभागों का ज्यादा जोर खबर को पहले पाने और सबसे पहले ब्रेक करने पर तो रहा लेकिन भाषा की शुद्धता उनके केंद्र में नहीं रही। दृश्य माध्यमों की भाषा को लेकर गहन शोध की परंपरा को स्थापित करना जरूरी है। सरकार को भी इस दिशा में ठोस मापदंड जारी करने चाहिए। इस वीडियो में हम माध्यमों के बदलाव और इसके भाषा पर पड़ रहे प्रभाव के बारे में जानेंगे।
Watch on YouTube: https://youtu.be/kpXVJQi-Nqk
Courtesy: Swayam Platforms
3 comments:
भारत एक राष्ट्र नहीं देश है। जहां पर अलग अलग समुदाय के लोग रहते है।वो सभी अलग अलग भाषा को अपने विचार रखने का जरिया बनाते है। समुदाय अपनी भाषा अपनी संस्कृति को बचाने की पुरजोर कोशिश करता है।यही से ये बात आती है हर भाषा का अपना महत्व होता है।है भाषा का अपना एक साथन होता है। भाषा चाहे जो कोई भी हो परमुखता ये है की भाषा में शुद्धता होनी चाहिए।भाषा की शुद्धता न केवल बोलने में होनी चाहिए बल्कि लिखने में भी होनी चाहिए।अगर भाषा को समझना है तो उससे सुनना सही से आना चाहिए। आज लोग अंग्रेजी को ज्यादा महत्व देते है क्योंकि आज यही भाषा विचार के आदान प्रदान का सही जरिया है लेकिन इसका ये मतलान बिलकुल नहीं है की आपकी स्थानीय भाषा का महत्व कम हो गया है।इसलिए जो भाषा जहां बोली जाती ह उसका महत्व वह ज्यादा होता है और जो भाषा किसी और साथान पर बोली जाती है,उसका महत्व वहां ज्यादा होता है।
भारत एक राष्ट्र नहीं देश है। जहां पर अलग अलग समुदाय के लोग रहते है।वो सभी अलग अलग भाषा को अपने विचार रखने का जरिया बनाते है। समुदाय अपनी भाषा अपनी संस्कृति को बचाने की पुरजोर कोशिश करता है।यही से ये बात आती है हर भाषा का अपना महत्व होता है।है भाषा का अपना एक साथन होता है। भाषा चाहे जो कोई भी हो परमुखता ये है की भाषा में शुद्धता होनी चाहिए।भाषा की शुद्धता न केवल बोलने में होनी चाहिए बल्कि लिखने में भी होनी चाहिए।
The video lecture delivered by Dr. Vartika Nanda ma'am is an extremely informative source of knowledge on the topic of 'language of the visual medium'. Three major subtopics, public service broadcasters, commercial media, and community media have been attentively addressed. Thank you ma'am for this video lecture, which is a helpful tool for students.
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