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Feb 3, 2022

2022: सलाखों के पीछे से आती उम्मीद भरी आवाज

3 फरवरी, 2022

सलाखों से आती औऱ उम्मीद भरी आवाज
डॉ. वर्तिका नन्दा

लाल और नीले रंग का एक बड़ा सा गेट है। गेट खुलता है, एक लंबी सड़क है। उसे पार करने के बाद बाएं हाथ पर है- नाई की एक दुकान। इस दुकान के ठीक सामने करीब 15 सीढ़ियों को चढ़ने के बाद, सामने आते हैं- दो बेहद सुंदर कमरे। ये वो कमरे हैं जिन्होंने इस जगह को एक नई पहचान दी है। पहला कमरा है- रेडियो का स्टूडियो और दूसरा कमरा है- तिनका तिनका लाइब्रेरी।

यह जगह है -जिला जेल पानीपत। 16 जनवरी 2021 को हरियाणा की जेलों का पहला जेल रेडियो यहीं से शुरू हुआ। इस स्टूडियों में हर रोज़ पांच बंदी सुबह 10:30 बजे पहुँचते हैं और फिर जेल रेडियो जॉकी के तौर पर अपनी-अपनी भूमिकाओं को निभाने में शिद्दत से जुट जाते हैं। प्रसारण दो घंटे चलता है। यह समय पूरी जेल के लिए सुकून का समय है। लगता है यह जेल नहीं, सुरीली आवाजों से भरा कोई शहर है।

कहानी 2021 में शुरू हुई जब मैंने हरियाणा की जेलों की तत्कालीन महानिदेशक को फ़ोन करके जेल में रेडियो लाने बात की। उसके बाद दिसंबर के महीने में तीन जेलों को चुना गया- जिला जेल पानीपत, जिला जेल फरीदाबाद और केंद्रीय जेल अंबाला। हरियाणा में कुल 19 जेलें है। 7 में अब रेडियो चुका है।

भारत के ऐतिहासिक शहरों में से एक पानीपत की पहचान यहाँ की जिला जेल भी है। यह जेल हरियाणा की। सबसे आधुनिक जेल मानी जाती है। 2020 में बनी इस जेल में इस समय 1000 से ज्यादा बंदी हैं। इस जेल के 5 बंदी जेल रेडियो के जॉकी हैं और तिनका तिनका जेल रिफार्म्स का अहम हिस्सा है। हरियाणा की जेलों से 47 बंदियों को अब तक ट्रेनिंग दी जा चुकी है। रेडियो बंदियों को नई पहचान, सुधार का मौका और जीने का मकसद दे रहा है।
निमातुला की ट्रांसफर महाराष्ट्र की एक जेल में हुई तो उसके वहां जाने से पहले जेल सुपरिटेंडेंट देवी दयाल से निवेदन किया कि उसे जेल रेडियो के लिए लिखे गए अपने गाने और कविताएं साथ ले जाने की अनुमति दी जाए। अनुमति मिल गई। वह संतोष के भाव से जेल से गया। इसी तरह एक दिन रविवार था। मैं पानीपत जेल गई तो जेल रेडियो के कमरे में एक बुजुर्ग को देखा। उन्होंने मुझे बताया कि सुपरिटेंडेंट से विशेष अनुमति से उन्हें आज यहाँ पर आने और अपनी रागिनी सुनाने की इजाजत मिली है। उन्होंने कहा कि जेल में आने से पहले भी वे चाहते थे कि उनकी आवाज को लोग सुनें। तब यह सपना पूरा नहीं हुआ। जेल में आने के वर्षों बाद यह सपना इस रेडियो के जरिए पूरा होने जा रहा है। यह दिन उनके जीवन का सबसे सुखद दिन है। उस बुजुर्ग की आँखों में जो खुशी छलक रही थी, वहीं जेल रेडियो की सफलता का सार है।

जेल का रेडियो भारत के लिए एक नई अवधारणा है। 2013 में जब पहली बार दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल तिहाड़ में रेडियो खोला गया तो उस समय तिनका तिनका तिहाड़ की वजह से मैं जेल की परिसर में ही थी। जेल रेडियो का जन्म देखते हुए तिनका जेल के रेडियो को लेकर मन में कुछ संकल्प लिए। 2019 में देश की सबसे पुरानी जेलों में से एक जिला जेल आगरा में जेल के रेडियो को लाने की नींव रखी गई।

हाल में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पानीपत जेल वीडियो को लेकर एक फ़िल्म रिलीज हुई। एकाएक कई लोग जेल के लिए कुछ करने की तमन्ना जताने लगे लेकिन सच यही है कि अक्सर जेल के लिए समय निकालने की इच्छाशक्ति बहुत कम होती है। जेल असल में किसी की पसंद का ठिकाना नहीं है। फिल्मों और मीडिया ने जेल के जिस चेहरे को दिखाया है, वैसी तो आमतौर पर जेल होती है और ही जेलर। समाज अगर सिर्फ इतना कर ले कि वो जेल को अपनी जिंदगी जीने दें, उसे अपने हिसाब से सलाखों में रंग भरने दे, गुनगुनाने दे तो इतना भी जेल के लिए काफी है। जेलें समाज से कुछ नहीं मांगतीं। जेलो ने अपने लिए एक अलग संसार बनाने की धुन ठान ली है। समाज सोचता है कि वह बंदियों पर भरोसा नहीं कर सकता, यह जाने बिना कि जेल के बंदी भी उन पर भरोसा नहीं करते। यह भरोसा तो कभी बना ही नहीं था। जेलें जानती हैं कि अकेलापन उनका नसीब हैं। जेलों ने इस नसीब को स्वीकार कर लिया है। कोरोना के समय जेल रेडियो ने बंदियों को मानसिक सहारा और खुद को बदलने की वजह दी है। इनसे नफरत करने वाला समाज यह भूल जाता है कि जो जेल गया है, वो लौटेगा। लौटते समय इन बंदियों के मन में कड़वाहट के पहाड़ हों, इसके लिए इनके बदलाव की कहानियों का तिनका भर समर्थन भी काफी है। जेल सुधार की शुरुआत यहीं से होती है।

(डॉ. वर्तिका नन्दा जेल सुधारक हैं। जेलों पर एक अनूठी श्रृंखला- तिनका तिनका- की संस्थापक। 2019 में आगरा की जिला जेल और 2021 में हरियाणा में रेडियो की शुरुआत की। Email: tinkatinkaorg@gmail.com)

1 comment:

Prisha Kapoor said...

Love and compassion are necessities, not luxuries. Without them, humanity cannot survive. Tinka Tinka is spreading waves of love and compassion in the jails by celebrating various occasions. #tinkatinkaorg #jailsinharyana #prisonradio