डॉ. वर्तिका नन्दा भारत की स्थापित जेल सुधारक, मीडिया शिक्षक और लेखिका हैं। वे अपराध और जेल पर नए प्रयोगों के लिए जानी जाती हैं। तिनका तिनका भारतीय जेलों पर वर्तिका की एक अनूठी श्रृंखला। उनकी स्थापित तिनका तिनका फाउंडेशन ने देश की जेलों पर पहले और इकलौते पॉडकास्ट-तिनका तिनका जेल रेडियो की शुरुआत की। जिला जेल, आगरा, हरियाणा और उत्तराखंड की जेलों में रेडियो लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है। उन्होंने भारत की जेलों में पत्रकारिता की नींव रखी है। तिनका तिनका बंदियों को सकारात्मक पत्रकारिता के गुर सिखाता है। 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित। 2018 में सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने जेलों पर उनकी सलाहें शामिल कीं। जेलों का उनका काम दो बार लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ। जेलों पर तीन किताबों की लेखिका जो भारतीय जेलों का जीवंत दस्तावेज हैं। तिनका तिनका मध्यप्रदेश भारतीय जेलों पर अब तक की इकलौती कॉफी टेबल बुक है जबकि तिनका तिनका तिहाड़ ने इस साल 10 साल पूरे किए हैं।
वर्तिका नन्दा जालंधर दूरदर्शन में एशिया की सबसे छोटी एंकर बनीं। वे जी टीवी, एनडीटीवी, IIMC और लोकसभा टीवी से जुड़ी रहीं। वे लोकसभा टीवी की पहली एक्जीक्यूटिव प्रोड्यूसर बनीं। वे भारतीय टेलीविजन की उन गिनी-चुनी महिला पत्रकारों में से हैं जो अपराध पत्रकारिता से जुड़ीं और इस बीट की प्रमुख भी बनीं। ( वे भारतीय टेलीविजन की पहली महिला पत्रकार हैं जो अपराध बीट की प्रमुख बनीं। )
वर्तमान में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज के पत्रकारिता विभाग की प्रमुख।
No comments:
Post a Comment