Aug 28, 2024

उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने डॉ0 वर्तिका नंदा की ‘उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय जेलों पर आधारित विस्तृत शोध रिपोर्ट का विमोचन किया: 23 August, 2024

23 August, 2024: Press Release

Study on the Communication Needs of Women and Children in Prisons released in Lucknow by Chief Secretary, Uttar Pradesh

Women inmates live in a prison inside the prison- Study has presented suggestions for improving prison life

6 jails of UP were chosen for the study

Prison Radio was started in District Jail, Agra during the study

Prison radios were later launched in the jails of Haryana and Uttarakhand

Study was carried out by prison reformer and media educator Vartika Nanda 

A detailed research report titled, “Study of the condition of women inmates and their children in Indian Prisons and their communication needs with special reference to Uttar Pradesh” , conducted under the aegis of Indian Council of Social Science Research (ICSSR), was released today in Lucknow by Shri Manoj Kumar Singh (IAS), Chief Secretary, Uttar Pradesh and Shri P. V. Rama Sastry, Director General of Police/Inspector General Prison, Prison Administration and Reform Services, Uttar Pradesh.

The research was carried out by prison reformer and media educator Dr. Vartika Nanda, under the domain of Media, Culture and Society, sanctioned by ICSSR.  The study has been evaluated as ‘outstanding’ by ICSSR. The study covered  one year period, between March 2019 to 2020. Since the pandemic started in 2020, the study also incorporated the communication needs of inmates during the pandemic.  Even after the submission, the research work has continued in the form of continued contribution to jail life. 

Centre of Study

District Jail, Agra was selected as the main centre of study for this project. This is one of the oldest jail buildings in India, built in the year 1741 A.D. Apart from this, 5 other jails, namely, Nari Bandi Niketan, Lucknow, District Jails of Ghaziabad, Gautam Buddha Nagar and Banda and  Central Jail, Naini, Prayagraj were especially chosen for study.

Uttar Pradesh is the most populous state of India, which recorded the highest number of women inmates and their children in 2018 and also has the highest number of convicts and under trials. Considering these facts, the study had carefully chosen 6 major prisons from all over the state; eastern (Banda and Prayagraj), western (Ghaziabad, Gautam Buddha Nagar and Agra) and central Uttar Pradesh (Lucknow).  The study  also incorporates several references from other Indian jails, including Delhi Prisons, Tihar. 

Officers’ speak

While releasing the report, Shri Manoj Kumar Singh remarked that this is a landmark work and crucial suggestions for the welfare of women inmates and their children should be implemented. These include health care, separate enclosures for the children staying with their mothers in the jail, skill enhancement and courses for women jail staff. 

Shri P. V. Rama Sastry, Director General of Police/Inspector General Prison, Prison Administration and Reform Services, Uttar Pradesh- “As spoken about various welfare measures are being taken for women prisoners and children living with them. These includes separate accommodation and construction of barracks for women prisoners, enhancement of healthcare facilities as well as education and skill training initiatives.”

According to Vartika Nanda, Head, Department of Journalism, Lady Shri Ram College, Delhi University," This was an action-oriented research which paved way to several crucial changes in prisons, including introduction of prison radio in the jails of Haryana and District Jail, Dehradun in Uttarakhand. These were executed by Tinka Tinka Foundation. These prison radios are helping inmates immensely in improving their mental health and fulfilling their communication needs."

Background of Vartika Nanda: 

Dr. Vartika Nanda is a prison reformer and media educator using the best practices of journalism and academia for prison reforms. She is the founder of Tinka Tinka Foundation, which works for improving prison life, including the introduction of prison radio in District Jail, Agra and the jails of Haryana. She has authored three books on prisons. Her Tinka Tinka Jail Radio Podcasts are exclusive podcasts dedicated to Indian prisons. President of India conferred the Stree Shakti Puraskar on her in 2014. Her name has also been included in the Limca Book of Records twice for her unique work on prison reforms. Her work on prisons was taken cognizance by the Supreme Court of India in 2018. Currently, she heads the Department of Journalism, Lady Shri Ram College, Delhi University.


दिनांक: 23 अगस्त, 2024:  पत्र सूचना शाखा/ (मुख्य सचिव मीडिया कैम्प)

सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग, उ0प्र0

- मुख्य सचिव ने डॉ0 वर्तिका नंदा की ‘उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति और उनकी संचार आवश्यकताओं का अध्ययन’ शीर्षक पर आधारित विस्तृत शोध रिपोर्ट का विमोचन किया

- शोध रिपोर्ट में जेल में निरुद्ध महिलाओं एवं बच्चों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए दिए गए सुझाव

- अध्ययन के लिए यूपी की 6 जेलों को चुना गया

- अध्ययन के दौरान जिला जेल आगरा में जेल रेडियो किया गया शुरू

लखनऊ: मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर) के तत्वावधान में दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख व जेल सुधारक डॉ. वर्तिका नंदा की “उत्तर प्रदेश के विशेष संदर्भ में भारतीय जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति और उनकी संचार आवश्यकताओं का अध्ययन” शीर्षक पर आधारित एक विस्तृत शोध रिपोर्ट का विमोचन किया। 

अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जेलों में निरुद्ध महिला कैदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों के लिये विभिन्न कल्याणकारी उपाय किये जा रहे हैं। इनमें महिला कैदियों के लिए अलग आवास और बैरकों का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ-साथ शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण पहल शामिल है। 

उन्होंने डॉ0 वर्तिका नंदा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक कठिन विषय को शोध के लिए चुना गया है। सिद्धदोष कैदियों के साथ विचाराधीन कैदियों को भी कारागार में निरुद्ध रहना पड़ता है। आमतौर पर लोग इस विषय पर चर्चा नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें पॉजिटिव वाइब्स या फीलिंग महसूस नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि जेलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार, सोशल एक्टिविटी को लेकर अच्छा माहौल कैदियों में पॉजिटिविटी को बढ़ायेगा और अपराध की पुनरावृत्ति दर को कम करेगा। शोध रिपोर्ट में जेलों में सुधार के लिए जो सिफारिशें की गई हैं, उन्हें प्रदेश की जेलों में लागू कराने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने डॉ0 वर्तिका नंदा को इस कार्य को आगे भी जारी रखने के लिए शुभकामनायें दी। 

        उल्लेखनीय है कि यह शोध जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका डॉ. वर्तिका नंदा द्वारा मीडिया, संस्कृति और समाज के डोमेन के तहत किया गया, जिसे आईसीएसएसआर द्वारा अनुमोदित करते हुये ‘उत्कृष्ट’ रूप में मूल्यांकित किया गया है। अध्ययन में मार्च, 2019 से 2020 के बीच एक वर्ष की अवधि को शामिल किया गया। चूंकि महामारी 2020 में शुरू हुई थी, इसलिए अध्ययन में महामारी के दौरान कैदियों की संचार आवश्यकताओं को भी शामिल किया गया। 

        इस परियोजना के लिए जिला जेल, आगरा को अध्ययन के मुख्य केंद्र के रूप में चुना गया था। यह भारत की सबसे पुरानी जेल इमारतों में से एक है, जिसका निर्माण वर्ष 1741 ई. में हुआ था। इसके अलावा, 5 अन्य जेलों, अर्थात् नारी बंदी निकेतन, लखनऊ, गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और बांदा की जिला जेलें और केंद्रीय जेल, नैनी, प्रयागराज को विशेष रूप से अध्ययन के लिए चुना गया था।

        उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है, जहाँ वर्ष 2018 में महिला कैदियों और उनके बच्चों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई और यहाँ दोषियों और विचाराधीन कैदियों की संख्या भी सबसे अधिक है। इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए, अध्ययन के लिए पूरे राज्य से 6 प्रमुख जेलों को चुना गया, पूर्वी (बांदा और प्रयागराज), पश्चिमी (गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और आगरा) और मध्य उत्तर प्रदेश (लखनऊ)। अध्ययन में दिल्ली जेल, तिहाड़ सहित अन्य भारतीय जेलों से कई संदर्भ भी शामिल किए गए हैं।

डॉ. वर्तिका नंदा जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका हैं, जो जेल सुधारों के लिए पत्रकारिता और शिक्षा के सर्वाेत्तम तरीकों का इस्तेमाल करती हैं। वह तिनका तिनका फाउंडेशन की संस्थापक हैं, जो जेल जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करती है, जिसमें जिला जेल, आगरा और हरियाणा की जेलों में जेल रेडियो की शुरुआत करना शामिल है। उन्होंने जेलों पर तीन किताबें लिखी हैं। उनके तिनका तिनका जेल रेडियो पॉडकास्ट भारतीय जेलों को समर्पित विशेष पॉडकास्ट हैं। भारत के राष्ट्रपति ने 2014 में उन्हें स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया। जेल सुधारों पर उनके अनूठे काम के लिए उनका नाम दो बार लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी शामिल किया गया है। जेलों पर उनके काम को 2018 में भारत के सर्वाेच्च न्यायालय ने संज्ञान में लिया था। वर्तमान में, वह दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्री राम कॉलेज में पत्रकारिता विभाग की प्रमुख हैं। 

 शोध रिपोर्ट में महिला कैदियों द्वारा अनुभव किए जाने वाले एकाकीपन पर प्रभावी रूप से प्रकाश डाला है, जिनकी ज़रूरतें पुरुषों की तुलना में जेलों में शायद ही कभी पूरी हो पाती हैं। जेलों को आमतौर पर पुरुष आबादी की ज़रूरतों को ध्यान में रखते हुए डिज़ाइन किया जाता है। नतीजतन, जेल प्रणाली में प्रवेश करने वाली महिलाओं, बच्चों और ट्रांसजेंडरों को अपर्याप्त स्वास्थ्य सेवा, संचार सुविधाओं, मनोरंजक कार्यक्रमों, व्यावसायिक प्रशिक्षण और रचनात्मक जुड़ावों के कारण कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। जेलों में उनकी ज़रूरतों को शायद ही कभी ठीक से संबोधित किया जाता है और उन्हें दी जाने वाली सुविधाएँ पुरुषों की तुलना में बहुत कम और अपर्याप्त होती हैं। इस प्रकार, महिला कैदी जेल के अंदर जेल में रहती हैं।

आमतौर पर, जेल कर्मचारियों द्वारा महिला कैदियों को जेल रेडियो में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता है। वे मनोरंजन के लिए टेलीविज़न पर बहुत अधिक निर्भर हैं जो जेल के माहौल की गुणवत्ता को और कम करता है। 

इस अवसर पर पुलिस महानिदेशक कारागार श्री पी.वी. रामा शास्त्री, प्रमुख सचिव नमामि गंगे श्री अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश कुमार मेश्राम, प्रबंध निदेशक जल निगम (ग्रामीण) डॉ0 राज शेखर, सूचना निदेशक श्री शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।










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23 अगस्त, 2024: प्रेस विज्ञप्ति: Tinka Tinka Foundation


उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने जेलों में महिलाओं और बच्चों की संचार आवश्यकताओं पर अध्ययन का लखनऊ में विमोचन किया गया.


महिला कैदी जेल के अंदर एक और जेल में जीती है- अध्ययन ने जेल जीवन को सुधारने के सुझाव दिए हैं. 

• अध्ययन के लिए यूपी की 6 जेलों को चुना गया. 

• जिला जेल, आगरा में अध्ययन के दौरान जेल रेडियो शुरू किया गया.

• बाद में जेल रेडियो हरियाणा और उत्तराखंड की जेलों में भी शुरू किया गया.

• अध्ययन जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका वर्तिका नन्दा द्वारा किया गया.


"भारतीय जेलों में महिला कैदियों और उनके बच्चों की स्थिति और उनकी संचार आवश्यकताओं का अध्ययन, विशेष रूप से उत्तर प्रदेश के संदर्भ में" नामक एक विस्तृत शोध रिपोर्ट, जो भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) के तहत की गई थी.  उसे 23 अगस्त को लखनऊ में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह (IAS) और पुलिस महानिदेशक/कारागार महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन और सुधार सेवाएं, उत्तर प्रदेश के श्री पीवी रमा ससत्री द्वारा जारी किया गया. 


ICSSR द्वारा स्वीकृत यह शोध जेल सुधारक और मीडिया शिक्षिका डॉ. वर्तिका नन्दा द्वारा मीडिया, संस्कृति और समाज के क्षेत्र में किया गया था. इस अध्ययन को ICSSR द्वारा 'उत्कृष्ट' के रूप में मूल्यांकित किया गया है. यह अध्ययन मार्च 2019 से 2020 के बीच एक वर्ष की अवधि पर केंद्रित था. चूंकि 2020 में महामारी शुरू हुई, इसलिए अध्ययन में महामारी के दौरान कैदियों की संचार आवश्यकताओं को भी शामिल किया गया. रिपोर्ट जमा करने के बाद भी, शोध कार्य जेल जीवन में निरंतर योगदान के रूप में जारी रहा. 


अध्ययन का केंद्र

इस परियोजना के लिए जिला जेल, आगरा को मुख्य केंद्र के रूप में चुना गया था. यह भारत की सबसे पुरानी जेल इमारतों में से एक है, जो 1741 ईस्वी में बनाई गई थी. इसके अलावा 5 अन्य जेलों- नारी बंदी निकेतन (लखनऊ), जिला जेल गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर, बांदा और केंद्रीय जेल, नैनी, प्रयागराज को भी अध्ययन के लिए विशेष रूप से चुना गया था. 

उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है, जिसने 2018 में महिला कैदियों और उनके बच्चों की सबसे अधिक संख्या दर्ज की थी. इसमें सबसे अधिक सजायाफ्ता और विचाराधीन कैदी भी थे. इस दृष्टि से, पूर्वी (बांदा और प्रयागराज), पश्चिमी (गाजियाबाद, गौतम बुद्ध नगर और आगरा) और मध्य उत्तर प्रदेश (लखनऊ) की 6 प्रमुख जेलों को सावधानीपूर्वक चुना गया.  इस अध्ययन ने अन्य भारतीय जेलों, जैसे दिल्ली के तिहाड़ जेल से भी कई संदर्भ उठाए.

अधिकारी की बात

इस महत्वपूर्ण रिपोर्ट को जारी करते हुए अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने कहा कि उत्तर प्रदेश के जेलों में निरुद्ध महिला कैदियों और उनके साथ रह रहे बच्चों के लिये विभिन्न कल्याणकारी उपाय किये जा रहे हैं। इनमें महिला कैदियों के लिए अलग आवास और बैरकों का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के साथ-साथ शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण पहल शामिल है। 

उन्होंने डॉ0 वर्तिका नंदा का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके द्वारा एक कठिन विषय को शोध के लिए चुना गया है। सिद्धदोष कैदियों के साथ विचाराधीन कैदियों को भी कारागार में निरुद्ध रहना पड़ता है। आमतौर पर लोग इस विषय पर चर्चा नहीं करना चाहते, क्योंकि उन्हें पॉजिटिव वाइब्स या फीलिंग महसूस नहीं होती। 

उन्होंने कहा कि जेलों में इंफ्रास्ट्रक्चर, संचार, सोशल एक्टिविटी को लेकर अच्छा माहौल कैदियों में पॉजिटिविटी को बढ़ायेगा और अपराध की पुनरावृत्ति दर को कम करेगा। शोध रिपोर्ट में जेलों में सुधार के लिए जो सिफारिशें की गई हैं, उन्हें प्रदेश की जेलों में लागू कराने का प्रयास किया जायेगा। उन्होंने डॉ0 वर्तिका नंदा को इस कार्य को आगे भी जारी रखने के लिए शुभकामनायें दी। 


श्री पीवी रामा सास्त्री, पुलिस महानिदेशक/कारागार महानिरीक्षक, कारागार प्रशासन और सुधार सेवाएं, उत्तर प्रदेश ने तिनका तिनका फाउंडेशन के किए जा रहे कामों को सराहा और सलाहों पर गौर करने और उन्हें यथासंभव लागू करने की आश्वस्ति दी। 


अध्ययन के निष्कर्ष

"महिला कैदी जेल के अंदर एक और जेल में जीती हैं..."

शोध ने उन कठिनाइयों पर प्रकाश डाला है, जिनका सामना महिला कैदियों को करना पड़ता है. उनके संचार और स्वास्थ्य से संबंधित आवश्यकताएं अक्सर उपेक्षित रह जाती हैं. जेल के डिजाइन आमतौर पर पुरुष कैदियों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाए जाते हैं, जिसके कारण महिलाएं, बच्चे और ट्रांसजेंडर जेल में कई चुनौतियों का सामना करते हैं. उनके लिए न तो स्वास्थ्य सेवाएं पर्याप्त हैं, न ही संचार सुविधाएं, न ही मनोरंजन कार्यक्रम, न ही व्यावसायिक प्रशिक्षण. इन समस्याओं के चलते महिलाओं को ऐसा महसूस होता है जैसे वे एक जेल के अंदर दूसरी जेल में रह रही हों. 

आमतौर पर महिला कैदियों को जेल रेडियो में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जाता. वे मनोरंजन के लिए मुख्य रूप से टेलीविजन पर निर्भर रहती हैं, जिससे जेल का माहौल और खराब हो जाता है. जेलों में बच्चों को पर्याप्त अवसर नहीं मिलते कि वे कुछ नया सीख सकें या खुद को विकसित कर सकें. जेल रेडियो का राज्य जेल नियमावली में संस्थागत रूप से कोई उल्लेख नहीं है, जबकि मॉडल जेल नियमावली में इसका लंबे समय से समावेश किया गया है. जिन जेलों में यह शुरू किया गया है, वहां भी इसे निरंतरता नहीं मिली है, क्योंकि इसमें रुचि की कमी होती है. इसके अलावा, बुनियादी ढांचे की कमी है, जैसे स्टूडियो और उचित साउंड सिस्टम की अनुपस्थिति. जेल रेडियो के विकास और प्रभाव का अवलोकन और रिकॉर्ड करने के लिए कोई व्यवस्थित निगरानी प्रणाली भी नहीं है. 

उत्तर प्रदेश की किसी भी जेल में कैदियों को संचार या शिक्षा के लिए इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति नहीं है. कंप्यूटर से संबंधित प्रशिक्षण भी नियमित रूप से नहीं होता है. हर महिला कैदी, जो अपने बच्चे के साथ रह रही थी उसने यह इच्छा व्यक्त की कि उनके बच्चों को इंटरनेट का उपयोग करने की अनुमति दी जाए ताकि वे दुनिया के बारे में अधिक जान सकें, बच्चों के अनुकूल सामग्री का पता लगा सकें और शब्दावली सुधारने वाले कार्यक्रमों में भाग ले सकें.

जेल रेडियो का संस्थानीकरण न होना, मौजूदा जेल रेडियो को जारी रखने और बनाए रखने में रुचि की कमी, बुनियादी ढांचे की कमी, निगरानी प्रणाली की अनुपस्थिति, और इंटरनेट व डिजिटल साक्षरता जैसी सुविधाओं का न होना, इन सबने उत्तर प्रदेश की जेलों में संचार की खाई को और गहरा कर दिया है. 

प्रभाव

अध्ययन ने प्रस्तावित शोध कार्य से परे जाकर जेल के माहौल में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसने कौशल की कमी की पहचान की और कैदियों के कौशल को निखारने में मदद की, जिससे उनके विकास में और योगदान मिला.

जिला जेल आगरा में शोध के दौरान, एक ऑन-कैंपस रेडियो स्टेशन शुरू किया गया, जिसे पूरी तरह से कैदियों द्वारा संचालित किया जाता है. यह स्टेशन कैदियों की तत्काल और उभरती हुई संचार आवश्यकताओं को पूरा करता था. इसका प्रसारण तीन कैदियों द्वारा शुरू किया गया था, जिनमें से तुहिना यूपी की सभी जेलों में एकमात्र महिला रेडियो जॉकी (आरजे) थी. बाद में, शोधकर्ता ने हरियाणा की 20 जेलों में से 10 में जेल रेडियो की शुरुआत की. 

इस रेडियो की सफलता ने उत्तर प्रदेश जेल विभाग को राज्य की सभी 5 केंद्रीय जेलों और 18 जिला जेलों में जेल रेडियो शुरू करने के लिए प्रेरित किया. यह पहल मार्च 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान, जब कैदियों से मुलाकात पर रोक लगा दी गई थी, और भी महत्वपूर्ण हो गई. 

इस शोध का महिला कैदियों के लिए जेलों में टेलीफोन की उपलब्धता पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा. शोधकर्ता ने पहले उत्तर प्रदेश जेल विभाग से राज्य की जेलों में महिला कैदियों के लिए टेलीफोन सुविधा प्रदान करने का अनुरोध किया था, जिसे कोविड-19 के दौरान स्वीकार किया गया और लागू किया गया. शोधकर्ता द्वारा चयनित पांच जेलों में किए गए सर्वेक्षण ने बाहरी दुनिया से जुड़े रहने में टेलीफोन की उपयोगिता को फिर से साबित किया.

शोध का उद्देश्य

यह क्षेत्र-आधारित और कार्य-उन्मुख अध्ययन भारत की जेलों में महिलाओं और बच्चों की जीवन स्थितियों और संचार आवश्यकताओं से संबंधित शोध में मौजूद खाइयों को भरने का प्रयास करता है. अकादमिक साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान के अलावा, इसने इन खाइयों को दूर करने के संभावित तरीकों की खोज की और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की जेलों के संदर्भ में सुझाव दिए हैं. 

महिला कैदी और उनके बच्चे जेलों में हाशिए पर रहने वाले वर्गों में शामिल हैं. हालांकि उनकी सामान्य जीवन स्थितियों पर कुछ अध्ययन किए गए हैं, लेकिन उनके संचार पहलुओं पर शायद ही ध्यान दिया गया है. सीधा और अप्रत्यक्ष संचार महिलाओं के समग्र कल्याण और बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिए महत्वपूर्ण है, इसलिए उनकी संचार जरूरतों का अध्ययन अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है. यह अध्ययन अंततः नीतिनिर्माताओं, जेल प्रशासकों और मीडिया को कुछ ठोस सुझाव और इनपुट प्रदान करता है. इन सुझावों/इनपुट्स को जमीनी स्तर पर लागू करने से जेलों में पर्याप्त सुधार हो सकता है. 

शोधकर्ता के बारे में

डॉ. वर्तिका नन्दा भारत की स्थापित जेल सुधारक औस मीडिया शिक्षक हैं उनकी स्थापित तिनका तिनका फाउंडेशन ने देश की जेलों पर इकलौते पॉडकास्ट-तिनका तिनका जेल रेडियो की शुरुआत की. जिला जेल, आगरा, जिला जेल, देहरादून और हरियाणा की जेलों में रेडियो लाने का श्रेय उन्हीं को जाता है. उन्होंने भारत की जेलों में तिनका जेल पत्रकारिता की नींव रखी है. 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्‍त्री शक्ति पुरस्‍कार से सम्मानित. 2018 में सुप्रीम कोर्ट  की एक बेंच ने जेलों पर उनकी सलाहें शामिल कीं. जेलों का उनका काम दो बार लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में शामिल हुआ. जेलों पर लिखीं उनकी तीन किताबें भारतीय जेलों पर जीवंत और प्रामाणिक दस्तावेज हैं. 

Aug 16, 2024

Samachar4Media:12 August,2024

 12 August, 2024: Moderated a session at the Samachar4Media event on the occasion of the 40 under 40 award ceremony. Also presented awards to journalists, along with the Deputy CM of Uttar Pradesh, Brijesh Pathak.






website link: https://vartikananda.com/seminar/

Aug 13, 2024

Tinka Tinka India Awards: Year 2024: 10th Year of these EXCLUSIVE awards

Tinka Tinka India Awards: 2024 (10th Year)

Inviting entries from all the prisons in India

Special awards for inmates who have exhibited profound creative talents and made significant contributions to jail life and

Prison officials doing extraordinary work towards prison reforms

These exclusive awards for inmates and prison officials are annually given away by Tinka Tinka Foundation. The awards aim to encourage inmates to exhibit their creativity, highlighting the issues of jail reforms and human rights.

Theme:  VISITATION IN JAIL

Award Categories  

Tinka Tinka India Awards for Painting: Paintings should be sent on the related theme

Tinka Tinka India Awards for Special Mention (Male):  Male/ transgender inmates who have made significant contributions to jail life

Tinka Tinka Bandini Awards for Special Mention (Female): Women inmates who have made significant contributions to jail life

Tinka Tinka India Awards for Excellent Jail Service: For prison officials who have gone beyond their call of duty to bring positive change in the lives of inmates

 Award Criteria

Each painting should be on an A4 size sheet, bearing the name of the participant (maximum five paintings per inmate)

Those inmates who have made any special contribution for the welfare of other inmates or for the prison system, can apply for the Special Mention category. These awards will be given separately to men/transgender and women inmates

Applicants should send brief details of the related work in not more than 200 words

Jail officials may send their profile along with the details of their outstanding contribution, especially related to the theme of this year

Only those jail officials, who have completed at least 10 years of service in the prison department, are eligible to apply

Who can apply

All inmates and children of inmates living in prison

Prison officers and the staff

Points to Note

Inmates can apply for more than one category (paintings/ special mention). However, separate Google forms should be filled up for each one of them.

 The decision of the jury will be final. The jury will include senior members from prisons, police, judiciary, and civil society. 

Awards will be given on 9 December,2024 on the eve of Human Rights Day.

How to apply: Google Form through the website

All the entries must be sent in the attached Google form only (given on the website) after duly filling up the details.  Entries in any other format will not be accepted

Paintings/ documents etc. should also be attached with the Google form given here:

1. https:2024: Tinka Tinka India Awards: Jail Officials (google.com)- For Jail Officials

2. 2024: Tinka Tinka India Awards: Jail Inmates (google.com)- For Jail Inmates

Last Date of Submission

15th October, 2024

Background

Tinka Tinka India Awards, 2023: Released by Shri Mohammad Akil, DG Prisons, Haryana in District Jail, Gurugram, Haryana.

Tinka Tinka India Awards, 2022: Released by Dr. K.L.N Rao. ADG Prisons, Gujarat at Central Jail, Sabarmati, Gujarat.

Tinka Tinka India Awards, 2021: Released by Shri Arvind Kumar, DG, Madhya Pradesh Prisons & Correctional Services and Dr. K.L.N Rao. ADG Prisons, Gujarat at Central Jail, Bhopal, Madhya Pradesh

Tinka Tinka India Awards, 2020: Released by Shri K. Selvaraj, DG, Prisons, Haryana

Tinka Tinka India Awards, 2019: Released by Shri Sulkhan Singh, former DG, Uttar Pradesh and Shri Anand Kumar DGP/ IG Prisons, Uttar Pradesh, in District Jail, Lucknow, Uttar Pradesh

Tinka Tinka India Awards, 2018: Released by Dr. A. P. Maheshwari, Director General, BPR&D and Shri Bhupendra Singh, Director General, Rajasthan Prisons at Central Jail, Jaipur, Rajasthan

Tinka Tinka India Awards, 2017: Released by Shri Ajay Kashyap, Director General, Delhi Prisons in Jail No. 1, Tihar Prison Complex, New Delhi

Important Links on Tinka Tinka India Awards:

1.Tinka Awards: 2023: https://youtu.be/wW2Oh57wD70?si=WuuyGO1zXuBIVRqi  

2.Tinka Awards: 2022: https://youtu.be/fNObsYrK78

3.Tinka Awards: 2021: https://youtu.be/_gxPtgPjn7M

4. Tinka Awards: 2020: https://youtu.be/iW4VD5Z7XO0

5.Tinka Awards: 2019: https://youtu.be/F_rEF4Lt1SE

6. Tinka Awards: 2018: https://youtu.be/Apq3v5eqUl

7.Tinka Awards: 2017: https://youtu.be/gCdZHFr0xyk

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HINDI

तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड: 2024 (दसवां वर्ष)

तिनका तिनका भारत में सभी जेलों से प्रविष्टियों को आमंत्रित करता है

इनमें विशिष्ट रचनात्मक प्रतिभा प्रदर्शन करने वाले बंदी और

जेल सुधार के लिए असाधारण काम कर रहे जेल अधिकारी शामिल हैं

तिनका तिनका फाउंडेशन बंदियों और जेल प्रशासकों के लिए इन राष्ट्रीय पुरस्कारों की घोषणा हर साल करता है। इनका लक्ष्य जेल बंदियों को अपनी रचनात्मकता को निखारने और जेल सुधार के लिए प्रोत्साहित करना है।

विषय :जेल में मुलाकात (VISITATION IN JAIL)

पुरस्कार श्रेणियां

तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड: पेंटिंग: संबंधित विषय पर पेंटिंग/ स्केच के लिए

तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड: विशेष उल्लेख (पुरुष): उन पुरुषों/ ट्रांसजेंडर के लिए  जिन्होंने जेल जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है

तिनका तिनका बंदिनी अवॉर्ड: विशेष उल्लेख (बंदिनी): उन महिलाओं के लिए  जिन्होंने जेल-जीवन में महत्वपूर्ण योगदान दिया है

तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड: उत्कृष्ट जेल सेवा: उन जेल अधिकारियों के लिए जिन्होने बंदियों के जीवन में जेल सुधार के माध्यम से सकारात्मक परिवर्तन लाने में अपने निर्धारित दायित्वों से अधिक योगदान दिया है


पुरस्कार मानदंड

तस्वीर/ चित्र/स्केच A4 आकार की शीट पर हों। उन पर प्रतिभागी का नाम जरूर लिखा हो (प्रति बंदी पर अधिकतम पांच प्रविष्टियां)

विशेष उल्लेख वर्ग में बंदियों का नामांकन संबंधित बंदी के द्वारा अन्य बंदियों के कल्याण के लिए या जेल व्यवस्था के लिए किए गए विशेष योगदान हेतु किया जा सकता है. इसके लिए पुरुष, महिला औऱ ट्रांसजेंडर-सभी बंदी अपना आवेदन दे सकते हैं

आवेदकों के काम का विवरण अधिकतम 200 शब्दों में होना चाहिए

जेल अधिकारी अपने प्रोफाइल के साथ उनके द्वारा किए गए जेल सुधारों, खासतौर से थीम से संबंधित उल्लेखनीय योगदान को, यहां दिए लिंक पर गूगल फॉर्म में भरकर भेजें

जेल अधिकारियों के लिए कम से कम 10 साल का जेल सेवा का अनुभव होना अनिवार्य है

कौन भाग ले सकते हैं

जेल में रहने वाले सभी बंदी और उनके बच्चे

जेल अधिकारी और स्टाफ

जरूरी बिंदु

बंदी एक से अधिक वर्ग के लिए ( पेंटिंग/ विशेष उल्लेख) अपना नामांकन भेज सकते हैं लेकिन दोनों के लिए अलग-अलग गूगल फॉर्म भरने होंगेस/न्यायपालिका/नागरिक समाज के वरिष्ठ सदस्य शामिल होंगे 

यह पुरस्कार मानवाधिकार दिवस की पूर्वसंध्या पर 9 दिसंबर, 2024 को दिए जाएंगे 

आवेदन कैसे करें: वेबसाइट पर दिए गए Google Form के जरिए

विधिवत भरा हुआ फॉर्म प्रविष्टि के साथ इस लिंक पर भेजें 

जरूरी अटैचमेंट भी इसी लिंक पर गूगल फॉर्म के साथ लगाएं

1. https://forms.gle/GeZhsVeHBPXHR1VVA - जेल अधिकारियों के लिए

2. https://forms.gle/zpWooit9WrJ2egac8 - बंदियों के लिए

आवेदन भेजने की अंतिम तिथि

15 अक्तूबर, 2024

पृष्ठभूमि

Tinka Tinka India Awards, 2023: Released by Shri Mohammad Akil, DG Prisons, Haryana in District Jail, Gurugram, Haryana. 

तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2022: डॉ. के.एल.एन.राव, एडीजी जेल, गुजरात ने केंद्रीय जेल, साबरमती, गुजरात में जारी किए

तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2021: श्री अरविन्द कुमार, महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं, मध्य प्रदेश और डॉ. के.एल.एन.राव, एडीजी जेल, गुजरात ने केंद्रीय जेल, भोपाल, मध्य प्रदेश में जारी किए

तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2020: श्री के.सेल्वाराज, महानिदेशक, हरियाणा कारागार ने जारी किए

तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2019: श्री सुलखान सिंह, पूर्व डीजीपी उत्तर प्रदेश और श्री आनन्द कुमार, पुलिस महानिदेशक/ महानिरीक्षक कारागार, उत्तर प्रदेश ने जिला जेल, लखनऊ, उत्तर प्रदेश में जारी किए

  तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2018: डॉ. ए. पी. माहेश्वरी, महानिदेशक, बी.पी.आर. एंड डी. और श्री भूपेंद्र सिंह, महानिदेशक कारागार, राजस्थान ने केंद्रीय जेल, जयपुर, राजस्थान में जारी किए

तिनका तिनका इंडिया पुरस्कार, 2017: श्री अजय कश्यप, जेल  महानिदेशक,  दिल्ली जेल ने तिहाड़ की जेल नंबर 1, दिल्ली में जारी किए

तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड के महत्वपूर्ण लिंक

1.Tinka Awards: 2023: https://youtu.be/wW2Oh57wD70?si=WuuyGO1zXuBIVRqi  

2.Tinka Awards: 2022: https://youtu.be/fNObsYrK78

3.Tinka Awards: 2021: https://youtu.be/_gxPtgPjn7M

4. Tinka Awards: 2020: https://youtu.be/iW4VD5Z7XO0

5.Tinka Awards: 2019: https://youtu.be/F_rEF4Lt1SE

6. Tinka Awards: 2018: https://youtu.be/Apq3v5eqUl

7.Tinka Awards: 2017: https://youtu.be/gCdZHFr0xyk

website link:TTIA 2024 – Tinka Tinka Prison Reforms


Aug 9, 2024

Headlines

Headlines


Definition of Headlines

The headline is a phrase, which provides a brief summary of the news in detail. In Telugu headlines are generally referred as 'Siirshikalu'.

In newspapers we find a lot of news that are printed in a uniform type and font size. Headlines do not have more than one or two sentences and are helpful in taking a rapid glance at the news since their main aim is to help the reader to get an idea about the news within a few seconds.

Headlines must also be catchy, thereby being bold and clear and must also occupy less space and concise as they are short lengthwise. The point is to get the attention of the reader and draw him into the story.

 Functions of Headlines

●      To divide the news in the pages clearly and make it easier for the reader.

 ●      To create a sense of interest in the reader by projecting the news.

 ●      To highlight the news according to fields they belong to. For example: politics, reports, culture etc. 

●      To give a brief outline of the news making it to the point, quick, easier and concise.

●      To create a visual index of the news printed in the papers. 

Importance of Headlines

●      The headline is the most important part of any piece of writing - whether it is an article, newsletter, sales copy, blog entry, web page, email or business report.

●      Headlines do not have more than one or two sentences and are helpful in taking a rapid glance at the news since their main aim is to help the reader to get an idea about the news within a few seconds only.

●      Headline can also be defined as a title for an article in a newspaper, usually one line or sometimes even more, which is set in larger and bolder font type than the body of the article and indicating the subject matter or content of the article.

●      Headlines must also be catchy, thereby being bold and clear and must also occupy less space and be concise. The point is to get the attention of the reader and draw him into the story.

●      Garst and Bernstein (Mardh 1980, as cited in Bharani,1996) stated that, “headlines are governed essentially by the requirement of utility”. This statement means that headlines help in creating interest and curiosity among the readers, headlines play a crucial role, as their language has its own grammar. It can also provide a brief summary of the text.

●      It is the choice of the reader, whether to read the whole text or not. Straumann (Bharani, 1996) called headlines 'block language' which includes various other natural languages like posters, labels, and telegrams. Block language has grammatical units lower than that of a sentence or clause. Headlines are, in a sense, the results of the ellipsis since they are modified and limited to noun phrases. For example, there is omission of articles etc.

●      Without a good headline the rest of the news or article will not be read. Busy people keep their lives manageable by deciding almost instantly whether something is worth their time or not. The headline is the first and sometimes the only chance to draw in people to particular news.

●      For both online and print media, headlines play an essential role in promoting business. Why these approaches exist is because of its major purpose to catch readers’ attention. Because of this bottom line: To achieve higher sales.

Types of Headlines

1. Direct Headline

A direct headline is a straight-to-the-point headline. It is very specific and very serious. No jokes. No wordplay. It is not dull, but it is direct. But if you choose this kind of headline make sure you have it all that suffice what the headline tells.

“Hands-down, the best content slider on the web.” – SlideDeck. (Online)

2. Benefit Headline

Benefit headline is another type of headline that compels the attention of the readers. This is often very promising. If you are writing a headline for Online-publish, you must know your audience well, so you can offer them a compelling reason to believe.

“Never miss a sale, Free Apps and Card Reader” – Online

3. Question Headline

A question headline is a type of headline which is best for segmentation experiences. This enables the readers or audiences to get involved into the conversation funnel or read the entire article for they want to know the answer of the question given in the head.

“Types of Headlines – are these important?”

4. Attention-Grabbing

Attention-grabbing headlines can be provocative, shocking or use a play on words. This might be any of the above types of headlines listed. However, attention-grabbing headlines, especially when printed in a newspaper, is risky, because there might be audiences that misunderstand what you really mean about it, maybe because of the words used or any other factor. In using this type of headline, there must be some element to consider, be careful not to offend your reader, keep an eye to the words used.

“Get paid for 50 cents, fast, online, secure!” – (Online) Intuit

5. How-To headline

How-to headlines often constitute the ideals of step-by-step information given in a specific article. This headline tells the readers that you are willing to help them “how-to” the thing.

“Link your AEON Visa card with your Paypal account.”

“How to make a delicious salad this summer.”

6. List Headline

This is the best approach for a “how-to headline.” List headline tells the specific number of things provided in an article. This informs the readers the things listed inside the article that they might need to know.

“7 Types of Headlines a Journalism Student Needs to Know.”

7. News Headline

Lastly, the News Headline, a journalistic headline that conveys authority and is straightforward without being plain.

“Journalism student earns $1000 per day”

Types of headlines depend on how the writer uses his creativity or how he would grab the attention of the reader to promote his written news or article.

Devon Willis

Devon Willis started writing in 2002. He has worked for publication houses like Edward Elgar Publishing and Nelson Thornes in Gloucestershire, England. He has a B.A. in journalism and a M.A. in mass communication from the University of Gloucestershire and London Metropolitan University, respectively.

By Devon Willis, eHow Contributor

 Headlines are meant to summarise news content in a sentence.

Different types of headlines are used in journalism; the specific type used is based on the structure of the news story. Print media is geared toward informing the public on various topics. An important aspect in getting and holding the attention of the public is through the use of attractive headlines, no longer than one, two or in some cases three lines. Headlines should summarise in a few striking words the news story featured under it. Writers think that about half the total time spent on writing a journalistic piece should be spent on writing a headline that gets attention.

1. Flush Left Headline

o This is one of the more modern headline forms in use. It consists of two or three lines of headline, each one set flush left to the left side of the space. The design is simple and allows freedom in writing the headline. No rules govern the writing of the flush left headline; however a uniform style for better results is generally adopted. This type of headline is popular because it is easy to write, allows flexibility in unit count and provides a feeling of airiness to the page with the white space.

2. Banner Headline

o The journalism industry is highly competitive, and attracting the attention of the readers, viewers or listeners is the most important thing. The audience should have a reason for choosing a particular newspaper, television channel or radio station. Headlines play an important role in attracting attention, especially in print media. Banner headlines are words printed in extra large letters across the top of the cover page of the newspaper. Startling banner headlines that describe in a few words a happening story can help increase sales.

●      Banner headlines are words printed in extra large letters across the top of the front page of the newspaper on extremely important stories; they are not used frequently,but when they are used, they have a significant impact. 150-170 points

●      ·Eg: PM’S NO LOSS GAME WITH G4 GAMBLE

3. Inverted Pyramid Headline

o There are distinct advantages to using the inverted pyramid headline style for news writing. People often are in a rush and seldom have time to read every word of a story. The advantage of the inverted pyramid headline is that it concentrates on presenting pertinent facts first. With inverted pyramid stories, the most important information goes in the first paragraph, and the less important information follows to the very end of the story. The inverted pyramid headline generally consists of three lines, the first runs across the column and the other two lines are shorter than the first line. The headline is created from the informative facts presented at the start of the story.

4. Cross-Line Headline

o The cross-line headline is quite similar to a banner headline. While it is a large headline, it does not span the entire width of the page, but it does run across all the columns of the story it pertains to. The cross-line headline is one of the simplest types of headlines, consisting of a single line and one or more columns in width. It can run flush on both sides of the paper or it can have the words centred over the columns. This type of headline is generally used when there is more than one column for a story and to produce a formal look.

 Headline,  Technical  Writing Process

Writing a headline involves both the literary and technical aspects. Font size, positioning of text, font style, width of the text and presentation are some of the technical considerations one must keep in mind while writing the headlines. Selection of words, sentence structure and the headline type are some of the literary aspects.

1) Display and Point Size

Headlines have to be designed to fit into the allotted space. Thus, in a three column (3-col) story, the headline must occupy three columns of type only. In larger publications, generally one of the editors is assigned the job of determining the headline size, while others decide the headline content. A shorthand communication as 2-36-2 (two- thirty six-two) means that the story has two columns requiring a 36-point (pt) head arranged in two lines.

Such a headline is also known as a double-decker head in the newsroom or the production department. Shorthand for headlines is written in the following sequence: number of columns, the type size and the number of lines. The height of type size is measured in points while its width is measured in picas. The type sizes are standard. A type size, which is equal to or smaller than about 12 pt., is best used for body text and is rarely used for headlines. Larger than this point is used for headlines that follow a font size in the range of 14-84. Such headlines are also known as display type.

2)Width, Weight, and Style

Width of a headline is decided based on the newspaper columns allotted to the news story. When a headline is bigger than the column space provided, double decker headline is used i.e., it is split in two lines instead of one. Setting the distance between letters, known as kerning the text, also helps reduce space between the words, allowing the headline to fit into the given width. The bolder the font the greater is the weight of the headline. Weight of a headline suggests the priority given to the news story by the editor.

Weight is also related to the font style chosen for writing the headline, e.g., a story written in Light /Semi Light style has lesser weight than that written in Condensed or Bold. Similarly, the font style also helps to decide the weight of a news story. The headlines in sans serif font styles are soft news or feature news stories. The headlines in serif fonts have more weight. Newspapers using sans serif fonts only, opt for a font family providing them a variety of font styles and weights.

3)Deciding News Angle

Generally, News Angle means perspective based on some element or point of the story. For example, a story can be written from the perspective of the people or Headline and Lead Writing.

Read more: Types Of Headlines | eHow.com http://www.ehow.com/info_8440583_types-headlines.html#ixzz28x4j1IdW

Online or Print Media – What are the types of Headlines Used Effectively?

July 20th, 2012 Jonathan Page-Acabo

PRESS NEWS PRINTING– Headline is a caption printed at the top of an article or a page in a newspaper. It is usually printed in large or bold letters which often summarise the content that follows it. Headlines are very catchy that drive the reader’s attention to read the entire article.

ONLINE – Headline is not only used in printed Newspaper but it is also very much effective in Online businesses. Nowadays, online marketing is more effective than traditional print media marketing.

For both online and print media, headlines play an essential role in promoting business. Why these approaches exist is because of its major purpose to catch readers’ attention. Because of this bottomline: To achieve higher sales.

Types of Headlines that might enhance your journalistic skills

Whatever your understanding of how you define HEADLINE, there is only one total-sum of that, it is the most important element for both printed news and online articles like blogs. Headline engages readers, and you as writer will make sure what the headline tells is provided in your content. Headline writing, however, is one that takes time, practice and patience. So, to help you attain the most effective headline that suits your needs for both online and printed adverts, here

TIPS: Conciseness

Did you notice that my sample headlines given above did not exceed up to 10 words? In writing headline, either it is published in newspaper or online, the principle is “the shorter, the better.” Make sure your headline showcases everything that the reader might need to know and get engaged to read the rest of the article.

For Online Writing, in order to have a unique but engaging and effective headline, try to copy and paste your headline to search engines and see the best results that come up. If it already exists, there is nothing wrong with that, but you may not want your article to be associated with the content beneath that existing one especially if it’s of inferior quality, however, you can do something that suffice your want. You may consider altering some words or try revising the entire headline itself.

The cross-line:

●      The cross-line headline is quite similar to a banner headline. While it is a large headline, it does not span the entire width of the page, but it does run across all the columns of the story it pertains to. The cross-line headline is one of the simplest types of headlines, consisting of a single line and one or most often more columns in width. It can run flush on both sides of the paper or it can have the words centred over the columns. This type of headline is generally used to produce a formal look. 100-130 points

●      Eg: Shashank agreed to head BCCI

 The Drop-line:

This type is also known as the 'step line' or 'step head' because the lines in this type are indented and step down uniformly and progressively from the left. It usually consists of two or three lines.

Eg: Fake visa racket

        Busted at IGI

The Inverted pyramid:

This form is usually employed more as a subordinate deck in a headline. It generally consists of three lines, with the top line exceeding all the way across the column. The next two lines are set to be shorter than the one above, with words centred according to the count or measure. It is one of the difficult forms of headlines as it takes more time of the sub-editor's time in setting. Still it is one of the most widely used forms of headlines.

Eg:  Drinking Age: AAP goes

        for debate, BJP goes

        for moral science

The Hanging intention:

The desire to include more lines into the headlines has resulted in this type of headline. Like most of the smaller types of headlines, this type is also

used as a subordinate deck. The first line is set to flush on both the sides; and the other lines that follow are indented from the left with an even amount of space.

Ex: From Sunday, INA Delhi Haat to get Free wifi

The Flush left:

This is one of the more modern headline forms in use. It consists of two or three lines

of headline, each one set flush left to the left side of the space. The design is simple

and allows freedom in writing the headline. No rules govern the writing of the flush

left headline; however a uniform style for better results is generally adopted. This

type of headline is popular because it is easy to write, allows flexibility in unit count

and provides a feeling of airiness to the page with the white space.

Eg: Won’t ban

   Hindu Outfit:

        Goa CM

The Spread:

A headline or deck, which extends over two or more columns in length, is known as the 'spread'. The flush-left, the drop-line and the cross line are the most common headlines used in the spread.

The above-mentioned forms of headlines are very popular and most commonly used in most of the newspapers and magazines. There are various other headline forms or styles, which are less commonly used or out of use. Some such forms of headlines are listed to know the variety in headline forms.

Eg:

Class X textbook says Working

women cause unemployment

 The Astonisher:

It belongs to one of the recent trends in headlines. In this type, a smaller line is set in a smaller type above the main deck. This smaller typed line is a striking statement or facts or idioms, which are intended to gain the attention of the reader. Occasionally it reads into the main deck. This is also called the 'read in' headline, 'over line' headline. Or 'whip-lash'.

Ex: Haj Crush:

        15 indians killed,

        9 from Gujarat

 The Rocket:

In the rocket style of headline, the lead itself starts with a headline and takes the reader into the story. It is the most unorthodox form of headlines. It is called so because of the 'stream-lined' principle involved. Making use of the flush-left, the first word is capitalised and all the others, which follow, are handled the way they appear in ordinary composition writing. To write such headlines reporters require training and rewriting leads to different stories that will make the headline impractical.

This type headline not seen in the Indian Newspapers both

English and Telugu.

Eg :

Great trouble

has developed

In view country

Over the naming of

New officers who are

To handle distribution

Of funds collected for use in

Feeding and clothing victims

Of the recent storms and floods

Which swept over the area two

weeks ago

 The Jump head:

Long articles or stories make it difficult, sometimes to print the stories in the same page. This becomes more difficult if we want a pleasing page-design.

Most papers carry their stories over the other pages in order to pass the reader inside the paper. When part of the story is continued to another page, it is accompanied by what is called a hump head to help the reader to find the material carried over.

Eg: Respiratory diseases on strike

 Continued on Pg6

Respiratory Disease cases rose by 5m since 2012: govt

Boxed heads:

Borders or lines are drawn around a headline to give it prominence. Such deadlines are called boxed heads. Box heads are losing their importance, as there is heavy stress in using headlines, which are as simple as possible. But still in some newspapers we find usage of box heads. If lines on all four sides do not surround the headline, then it is called the 'modified Box head'. To separate a story from another story box head is used in the same column.

Subheads:

To break up long columns of big stories, subheads are used for every two or three paragraphs to throw some light on the importance of various aspects of the story. The most common type of sub-head is a single straight line with capital letters, set centred in between the columns.

Eg:

Gurgoan shows the way : car-free

Tuesdays to control maniac traffic (CROSS LINE)

 3 columns

2 sub heads: 1. Air pollution level drops 21% in cyber city

                2. Delhi to follow with no cars on oct 22 

Headline Technical  Writing Process

Writing a headline involves both the literary and technical aspects. Font size, positioning of text, font style, width of the text and presentation are some of the technical considerations one must keep in mind while writing the headlines. Selection of words, sentence structure and the headline type are some of the literary aspects.

Display and Point Size

Headlines have to be designed to fit into the allotted space. Thus, in a three column (3-col) story, the headline must occupy three columns of type only. In larger publications, generally one of the editors is assigned the job of determining the headline size, while others decide the headline content. A shorthand communication as 2-36-2 (two- thirty six-two) means that the story has two columns requiring a 36-point (pt) head arranged in two lines.

Such a headline is also known as a double-decker head in the newsroom or the production department. Shorthand for headlines is written in the following sequence: number of columns, the type size and the number of lines. The height of type size is measured in points while its width is measured in picas. The type sizes are standard. A type size, which is equal to or smaller than about 12 pt., is best used for body text and is rarely used for headlines. Larger than this point is used for headlines that follow a font size in the range of 14-84. Such headlines are also known as display type.

Width, Weight, and Style

The width of a headline is decided based on the newspaper columns allotted to the news story. When a headline is bigger than the column space provided, double-decker headline is used i.e., it is split in two lines instead of one. Setting the distance between letters, known as kerning the text, also helps reduce space between the words, allowing the headline to fit into the given width. The bolder the font the greater the weight of the headline.

The weight of a headline suggests the priority given to the news story by the editor. Weight is also related to the font style chosen for writing the headline, e.g., a story written in Light /Semi Light style has lesser weight than that written in Condensed or Bold. Similarly, the font style also helps to decide the weight of a news story. The headlines in sans serif font styles are soft news or feature news stories. The headlines in serif fonts have more weight. Newspapers using sans serif fonts only, opt for a font family providing them a variety of font styles and weights.

Deciding News Angle

Generally, News Angle means perspective based on some element or point of the story. For example, a story can be written from the perspective of the people or Headline and Lead Writing.

Writing the Headline

The best way to write an attention-grabbing headline is to understand the storyful. Thus, having got a good idea of the story, the sub-editor is able to reflect it correctly in the headline. Under headline pressures, most sub-editors/copy editors only read the opening lines of the story to come up with a headline. At times, a fact or a figure buried in the body text can also be used as a selling point in the headline. After writing the headline, one should always get a third-person to check it for its language and impact. Headlines using redundant words are best-dropped. Similarly, ambiguity has no place in headlines. Moreover, headlines contradicting the story are not to be used at all.

Rules For Writing  Headlines

Writing the headlines is considered of prime importance because it is these headlines that make the news appear more interesting. According to him there are certain essential points, which are to be taken note of while writing headlines. -

a) The main points of the stories sent by the reporters are to be grasped and understood carefully by the sub-editor as quickly as possible and develop a headline.

b) The headline should be written in such a manner that it is properly fitted into the space allotted to it.

c) Usage of articles should be avoided.

d) Active verbs could be used because their usage becomes necessary

c) Usage of auxiliary verbs like 'is', 'are', 'was', 'were', ' to be' etc, should be avoided.

f) The units of the letters and their type sizes should be taken note of while writing headlines. Proper count of units of letters is very important to utilize the space provided for headlines.

g) Good editing of the report is necessary, which provides the sub-editor to give a good headline.

h) The headlines have to be written with considerable clarity, which makes the reader understand the inner content of the story easily.

i) It should always be noted that there should be good relation between the headline and its content.

j) Small and simpler words should be used in headlines.

Ex: 'go' or 'left' is better than 'departed', 'saw' is better than 'witnessed', 'talks' is better than 'consultations' and 'start' or 'begin' is better than 'commence'.

k) Different forms of headlines should be used according to the page makeup so that an attractive page could be worked out.

l) Exclamation marks and question marks should be avoided as far as possible.

 

Aug 4, 2024

"Maine Aawaz Ko Dekha Hai" review

"Maine Aawaz Ko Dekha Hai" by noted broadcaster Vijay Lakshmi Sinha is a memoir that delves into her illustrious career in Indian broadcasting. The book chronicles her personal and professional journey, highlighting her experiences, challenges, and achievements in radio and television. Sinha provides insightful anecdotes and reflections on the evolution of broadcasting in India, offering a unique perspective on the industry. Written in an engaging style, the memoir serves as an inspirational and informative account of her contributions to media, making it a valuable read for those interested in the history and development of Indian broadcasting.

youtube description: This is a short review of the book - Maine Aawaz Ko Dekha Hai- written by noted broadcaster, Vijay Lakshmi Sinha. She has worked with Prasar Bharti for more than three decades. This book throws light on the lesser-known territory of All India Radio, the public service broadcaster of the Government of India. 

#vartikananda #allindiaradio #aakashvani 

Background: Vartika Nanda is an academic by profession, a journalist by vocation and a prison reformer by passion. She has used the best practices of journalism and academia for studying and contributing to prison reforms. As the founder of Tinka Tinka Foundation, she has tirelessly worked for improving the conditions in India’s prisons, such as including the introduction of prison radio in District Jail, Agra, District Jail, Dehradun and the jails of Haryana. She has authored three books on prisons. Her Tinka Tinka Jail Radio Podcasts are exclusive podcasts dedicated to Indian prisons. She has done major projects with Tihar (Delhi), District Jail of Ghaziabad and Agra (Uttar Pradesh), Madhya Pradesh jails and Haryana jails. Her research on the “Study of the condition of women inmates and their children in Indian Prisons and their communication needs with special reference to Uttar Pradesh” has been evaluated as ‘outstanding’ by ICSSR  in 2021. Her name has appeared in the Limca Book of Records twice, for her unique contribution to prison reforms. Her work was also taken due cognizance by the Supreme Court of India in 2018.

Vartika Nanda was conferred with the Stree Shakti Puraskar by the President of India in 2014 for her seminal contribution to women empowerment through media and literature. She is called the VOICE OF DELHI POLICE for being the official storyteller for Delhi Police for the podcast series- Kissa Khaki Ka, the only podcast series by any police department in India. 

Currently, she heads the Department of Journalism, Lady Shri Ram College, Delhi University.-

YouTube linkhttps://youtu.be/FHvfvcaMWRU?si=py9bWLbwXqlcMFsM