।Vartika Nanda in Kashmir।
Date: 3rd September, 2024(day 1)
बदले हुए कश्मीर में मेरी यह यात्रा रुह में ताजी बयार लेकर आई है। कश्मीर को पहली बार बचपन में उस समय देखा था जब कश्मीर और पंजाब में आतंकवाद अपनी दस्तकर दे रहा था। उसके बाद 2012 में कश्मीर को एक सक्षिप्त प्रवास में महसूस किया लेकिन इस बार जिस कश्मीर को देखा, वो वैसा ही था जैसी कल्पना किसी भारतीय की होनी चाहिए लेकिन सच कहूं तो देखा हुआ यह सपना हकीकत में और भी सुंदर था।
लाजवाब हो कश्मीर। इसमें शामिल तस्वीरों के लिए Vinay Maharaj जी और उनने परिवार का आभार। कुछ तस्वीरों में आपको मेरे पीछे नाशपती से लदे हुए पेड़ भी दिखेंगे।
कश्मीर यात्रा का यह पहला दिन आपके साथ। बाकी पन्नों का इंतजार कीजिए।
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Date: 4th September, 2024 ( Day 2)
लहलहाते कश्मार में पीर पर्बत के दर्शन, वहां से हजरत बल और फिर डल झील। कश्मीर का एक हिस्सा मेरे साथ आ गया है।
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Date: 5th September, 2024 ( Day 3)
शंकराचार्य मंदिर श्रीनगर के जिस पहाड़ पर बना हुआ है, उसे गोपाद्रि के नाम से जाना जाता है। अद्वैतवाद के महान प्रणेता शंकराचार्य के नाम से जाना जाता है। कश्मीरी पंडित मानते हैं कि 8वीं सदी में आदि शंकरा यहां पर आये थे। इस वजह से ही इस मंदिर का नाम शंकराचार्य मंदिर पड़ा है।
गर्भगृह में भगवान शिव का विशालाकाय लिंग स्थापित है। इस मंदिर की शैली को देखकर अंदाजा लगाया जाता है कि यह छठी या सातवीं शताब्दी में बनवाया गया था। गर्भगृह से कुछ सीढ़ियां नीचे उतरने के बाद आपको पत्थरों से बना ही एक छोटा सा कमरा दिखाई देता है जिसे शंकराचार्य की तपस्या स्थल माना जाता है।
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