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Sep 27, 2025

International Literature Festival at Patna: Sahitya Akademi: Unmesha: 26th September, 2025

26th September, 2025 : International Literature Festival at Patna

Asia's largest literature festival

Date: 25- 28 September, 2025
Venue: Sahitya Akademi: Festival of Expression (अभिव्यक्ति का उत्सव): Unmesha, at Samrat Ashoka Convention Centre, Patna
Vartika Nanda's session: 26 September, 2025

Hall Name: Sankaradeva

Topic: Social Media and Literature

Speakers:

Gourahari Das

R. Venkatesh

Utpal Kumar

Vartika Nanda

( Anant Vijay and Ajay Singh could not come )

Anchor: Jasleen Vohra

हॉल का नाम: शंकरदेव

विषय: सोशल मीडिया एवं साहित्य

वक्ता:

गौरहरि दास

आर. वेंकटेश

उत्पल कुमार

वर्तिका नंदा

(अजय सिंह

अनंत विजय)



Sahitya Akademi: Festival of Expression (अभिव्यक्ति का उत्सव): Unmesha in Patna: पटना के ज्ञान भवन, सम्राट अशोक कन्कलेव केंद्र में - सोशल मीडिया और साहित्य- के सत्र में भागीदारी का सुंदर अवसर मिवा. 25 से 28 सितंबर को होने वाला यह आयोजन दरअसल International Literature Festival है जिसमें दुनिया के कई देशों से लेखक और साहित्यकार आए. 
हमारे सत्र की अध्यक्षता गौरहरि दास ने की. वक्ता के रूप में उत्पल कुमार और आर वेंकटेश शामिल हुए. उद्घोषणा का जिम्मा दूरदर्शन की जानीमानी पूर्व ऐंकर जसलीन बोहरा ने निभाया.
मैेने अपनी बात का संदर्ध दूरदर्शन के दौर से शुरु करते हुए निजी मीडिया, बाजारवाद, नए प्रकाशकों की आमद और छोटे शहरों से आते प्रभावशाली लेखकों तक- कई मुद्दों को समेटा. तिनका तिनका की जेल की किताबों पर भी चर्चा कर सकी- ऐसी किताबें जिनके पास बेस्ट सैलर कहलाने के लिए प्रोयजक नहीं है लेकिन दमदार साफनियति है. 
अनंत विजय और अजय सिंह किसा कारणवश न आ सके. उनकी कमी खली. 
साहित्य अकादमी ने इस आयोजन को बहुत सुंदर तरीके से किया. सुरुचिपूर्ण और व्यवस्थित आयोजन के लिए आपके बधाई. साधुवाद


पटना में उन्मेष के बहाने साहित्य अकादमी ने देश-विदेश से साढ़े पांच सौ से ज्यादा कवियों और लेखकों का एक ऊर्जावान मंच तैयार किया है। एक खास बात ये भी है कि अभिव्यक्ति के इस उत्सव को जिस सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है, वहां पर बिहार की कला और संस्कृति की भी जीवंत तस्वीर देखी जा सकती है। 'उन्मेष' में 'सोशल मीडिया और साहित्य' विषय पर शुक्रवार को आयोजित सत्र में वर्तिका नंदा ने कहा कि साहित्य के लिए इंटरनेट मीडिया च्यवनप्राश की तरह है। इस मंच पर अनजाने लेखकों के लिए पन्ने बन गए हैं। इससे छोटे प्रकाशकों को बड़ी आबादी तक बात पहुंचाने का जरिया मिला है। अंगुलियां दौड़ने से छोटे शहरों से बड़े शहरों की दूरी कम हुई है। लेखकों को नया आकाश मिला है। 

वर्तिका ने कहा कि सोशल मीडिया ने यह आभास कराया है कि आप ही सबकुछ हैं। अब हर कोई लेखक, कवि, कलाकार और प्रकाशक बन गया है। जिनके पास प्रतिभा है, उनकी पूछ हर स्थान पर हो गई है। सोशल मीडिया ने सिटिजन जर्नलिस्ट पैदा किए हैं। अच्छा यह है कि प्रतिक्रिया तुरंत मिलने लगी। समस्या ये है कि एक ही दिन कई लेखकों की किताब बेस्ट सेलर हो जाती है, यह कैसे संभव है? ऐसे लोग भी बड़े लेखक बन गए हैं, जो लिखने के अलावा कुछ भी कर सकते हैं। सत्र की अध्यक्षता गौरहरि दास ने की। वक्ता के रूप में उत्पल कुमार और आर वेंकटेश शामिल हुए। उद्घोषणा का जिम्मा दूरदर्शन की जानीमानी पूर्व ऐंकर जसलीन बोहरा ने निभाया।

Panelists: 


Invitation and the schedule
























In Press:
















Photo Courtesy: Amit Anand, Akshay Pandey, Prabhat Ranjan and R. Venkatesh





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