26th September, 2025
International Literature Festival at Patna
पटना में उन्मेष के बहाने साहित्य अकादमी ने देश-विदेश से साढ़े पांच सौ से ज्यादा कवियों और लेखकों का एक ऊर्जावान मंच तैयार किया है। एक खास बात ये भी है कि अभिव्यक्ति के इस उत्सव को जिस सम्राट अशोक कन्वेंशन सेंटर में आयोजित किया गया है, वहां पर बिहार की कला और संस्कृति की भी जीवंत तस्वीर देखी जा सकती है। 'उन्मेष' में 'इंटरनेट मीडिया और साहित्य' विषय पर शुक्रवार को आयोजित सत्र में वर्तिका नंदा ने कहा कि साहित्य के लिए इंटरनेट मीडिया च्यवनप्राश की तरह है। इस मंच पर अनजाने लेखकों के लिए पन्ने बन गए हैं। इससे छोटे प्रकाशकों को बड़ी आबादी तक बात पहुंचाने का जरिया मिला है। अंगुलियां दौड़ने से छोटे शहरों से बड़े शहरों की दूरी कम हुई है। लेखकों को नया आकाश मिला है। वर्तिका ने कहा कि इंटरनेट मीडिया ने यह आभास कराया है कि आप ही सबकुछ हैं। अब हर कोई लेखक, कवि, कलाकार और प्रकाशक बन गया है। जिनके पास प्रतिभा है, उनकी पूछ हर स्थान पर हो गई है। इंटरनेट मीडिया ने सिटिजन जर्नलिस्ट पैदा किए हैं। अच्छा यह है कि प्रतिक्रिया तुरंत मिलने लगी। समस्या ये है कि एक ही दिन कई लेखकों की किताब बेस्ट सेलर हो जाती है, यह कैसे संभव है? ऐसे लोग भी बड़े लेखक बन गए हैं, जो लिखने के अलावा कुछ भी कर सकते हैं। सत्र की अध्यक्षता गौरहरि दास ने की। वक्ता के रूप में उत्पल कुमार और आर वेंकटेश शामिल हुए। उद्घोषणा का जिम्मा दूरदर्शन की जानीमानी पूर्व ऐंकर जसलीन बोहरा ने निभाया।
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