एक पूरे पन्ने पर तिनका तिनका
आप शायद उस वर्तिका को नहीं जानते होंगे जो 90 के दशक में अंबाला से शताब्दी में रवाना हुई, दिल्ली पहुंची. IIIMC की प्रवेश परीक्षा में पहला स्थान मिला था. इंटरव्यू भी टॉप किया था और अब दिल्ली स्थाई ठिकाना होने वाला था. बाद के सालों में IIMC में एसोसिएट प्रोफेसर बनी और आज दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर.
गाड़ी चली तो मेरे पीछे रेलवे का विशालकाय बंगला था, कुछ दिनो पहले अपनी कहानी- सितारों भरा आसमान- के पहले पुरस्कार के मिलने का संतोष था और था- पंजाब के आतंक की भयावह यादें.
मुझे सितारों और डर के बीच खुद को मजबूत करना था. तब टेलीविजन चैनलों की नौकरी, अध्यापन औऱ लेखन के बीच तिनका तिनका का जन्म हुअ.
सुबह अखबार मिले. दैनिक ट्रिब्यून से फोन आया था कि आज पूरे पेज का फीचर तिनका तिनका पर होगा. अखबार खोला. पंजाब, सितारों से भरा आसमान, सपने और इस दुनिया को बेहतर बनाने का संकल्प- कई भाव उमड़ते रहे.
तीन दशक और उस समाचार पत्र से इतना स्नेह. अभिभूत हूं. शुक्रिया Naresh Kaushal सर इस सम्मान के लिए. Arun Naithani जी इस विस्तार से , इस कदर डूब कर तिनका तिनका यात्रा पर लिखने के लिए. मेरे अंदर का छोटा शहर आज फिर से आश्वस्त हुआ. @followers @highlight Dr. Vartika Nanda Tinka Tinka Prison Reforms
आभार उन सबका जिन्होंने मुझ पर भरोसा किया. मेरे अध्यापक, सहकर्मी, छात्र, प्रकाशक, Delhi Police 👮♂️और देश की सभी जेलें.
Links:
- तिनका-तिनका मुहिम से जेलों में बड़े बदलाव - dainiktribuneonline.com
- https://www.youtube.com/shorts/mIKaMTHgirE
- (1) Naresh Kaushal - सलाखों के पीछे रह रहे लोगों की मन: स्थिति और उनके... | Facebook

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