President of India expressed her emotions on human rights and prison reforms. Attended the national conference.
भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू ने आज मानवाधिकार दिवस पर एक सुंदर और सटीक भाषण दिया. उन्होंने सुनने का जो अवसर मिला, वो मन को संतोष से भर गया. अपने उद्बबोधन में वे बीच-बीच में अपने अनुभव पिरोती गईं. सबसे सुंदर उनका यह कहना लगा कि बड़े लोगों को कभी-कभी पीछे मुड़कर भी देखना चाहिए.
वे सहज थीं. सरल भी. लौटते हुए मन आश्वस्त हुआ. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को इस सफल आयोजन पर बधाई.
राष्ट्रपति के भाषण को सुनने के बाद आज फिर तिनका तिनका उम्मीद जगी कि शायद यह दुनिया अब कुछ बेहतर हो सकेगी.
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