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May 29, 2008

पहली सीढ़ी...

मैं मीडिया स्कूल की छात्रा हूं और मेरा मकसद है- लगातार सीखना। मैं जानना चाहती हूं कि इलेक्ट्रानिक मीडिया में निजी चैनलों की उछलकूद के बाद शाट्स को लेकर भी कोई नयापन महसूस हो रहा है या नहीं। अगर हां तो वे कितने प्रभावी हैं ? न्यूज़ मीडिया के शाट्स क्या सिर्फ कहानी ही कह भर देते हैं या उनमें डिस्कवरी और नेशनल जोग्रोफिक जैसी कुछ ताज़गी भी दिखाई देती है। आपने अगर कुछ अनूठे प्रयोग हाल ही में देखे हैं तो अपनी बात बांटिए ज़रूर।

पहली क्लास की पहली सीढ़ी।

शुभकामनाएं।

वर्तिका नन्दा

10 comments:

Ashok Pandey said...

वर्तिका जी,
ब्लोग-जगत में आपका हार्दिक स्वागत।
आपकी दोनों कवितायें अच्छी लगीं। खासकर 'कसाईगिरी' हमें आइना दिखाती है। आप इसी तरह अलख जगाये रखें...हमारी ढेरों शुभकामनाएं।
http://www.khetibaari.blogspot.com/

दीपान्शु गोयल said...

आपका स्वागत है ब्लाग की दुनिया में। काफी कुछ है कहने के लिए आपके पास मैं ये जानता हूँ। बस आप लिखना शुरु कर दीजिए।

दीपान्शु गोयल said...

आपका स्वागत है ब्लाग की दुनिया में। काफी कुछ है कहने के लिए आपके पास मैं ये जानता हूँ। बस आप लिखना शुरु कर दीजिए।

scam24in hindi said...

मेम आपसे
मैं तीसरी बार रूबरू हो रहा हों पहली बार लोकसभा चेनल में दूसरी बार हमारी यूनिवर्सिटी के वार्षिक समारोह प्रतिभा में और तीसरी बार अब
आज ये जानकर कितनी खुशी हुयी ये बता नही सकता, जब मैंने जन कि आप भी ब्लॉग लिखती है
शिव चरण आमेटा
द्वितीय सेमेस्टर पत्रकारिता विभाग
माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी,भोपाल
www.scam24inhini.blogspot.com

राजीव जैन said...

BLOG JAGAT MEIN SWAGAT

Udan Tashtari said...

ब्लोग-जगत में आपका हार्दिक स्वागत।

Anil Pusadkar said...

shah Rukh,Saif,Karina,Rakhi Sawant,Cricket,aur apraadh na ho to ye channel pata nahi kya dikhayenge?

sushant jha said...

मैम..ब्लाग जगत में कब से आपको देखने का इंतजार कर रहे थे..हम..या शायद ब्लाग..ब्लागवाणी पर रजिस्टर्ड नहीं था..हम जानते हैं कि आपसे बहुत कुछ नया मिलेगा..
http://www.amrapaali.blogspot.com/

डॉ .अनुराग said...

कुछ नया पन नही है मोहतरमा ...सब घिसेपिटे ढर्रे पे चल रहे है......खली...चुटकुले .ओर बासी ब्रेकिंग न्यूज़

प्रवीण त्रिवेदी said...

वर्तिका जी !
बढ़िया है कि ब्लॉग जगत में हलचल बढ़ रही है और आप भी उसका हिस्सा बनी हैं / वैसे साहित्य और समाज से परे मीडिया और पत्रकारिता में काफी दिलचस्पी है लोगों की !
यह अच्छा प्रयास है /
वैसे आप केवल छात्रा बने रहने चाहती है ,इस विनम्रता को सलाम!
क्योंकि सीखने के लिए विद्यार्थी बनना पड़ता है /

http://primarykamaster.blogspot.com/