Jail Radio: Uttar Pradesh
31 जुलाई, 2023: देश की सबसे पुरानी जेल के रेडियो ने पूरे किए चार साल
- कोरोना के दौरान बना था बंदियों का सहार
- बंदियों की नई खेप की ट्रेनिंग जल्द ही
- जेल अधीक्षक हरि ओम शर्मा के नेतृत्व में तिनका तिनका फाउंडेशन तैयार करवाएगा नए रेडियो जॉकी
- जेल रेडियो की स्थापना दिवस पर विशेष
जेल रेडियो की स्थापना दिवस पर विशेष
1741 में मुगलों के जमाने में बने जिला जेल, आगरा में स्थापित रेडियो बंदियों की जिंदगी का सहारा बन गया है। ठीक चार साल पहले 31 जुलाई को इस रेडियो का शुभारंभ एसएसपी बबलू कुमार, जेल अधीक्षक शशिकांत मिश्रा और तिनका तिनका की फाउंडेशन संस्थापिका वर्तिका नन्दा ने किया था। जेल रेडियो की परिकल्पना और उसका प्रशिक्षण वर्तिका नन्दा ने करवाया था। उस समय आईआईएम बेंगलुरु से स्नातक महिला बंदी – तुहिना और स्नातकोत्तर पुरुष बंदी- उदय को रेडियो जॉकी बनाया गया था। बाद में एक और बंदी- रजत इसके साथ जुड़ा। तुहिना उत्तर प्रदेश की जेलों की पहली महिला रेडियो जॉकी की जेल बनी। रेडियो के लिए स्क्रिप्ट बंदी ही तैयार करते हैं। आगरा जिला जेल का रेडियो अब काफी चर्चा में है और अपनी निरंतरता से उसने जेल को मानवीय बनाने में मदद की है। अब प्रदेश की पांच सेंट्रल जेल और कम से कम 20 जिला जेलों में रेडियो शुरु किए जा चुके हैं।
अब तैयार होगी नई खेप
जिला जेल, आगरा के नए अधीक्षक हरिओम शर्मा के नेतृत्व में इस जेल में अब बंदियों का चयन होगा और उन्हें रेडियो जॉकी की ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रेनिंग का काम तिनका तिनका फाउंडेशन करेगी। यह काम अगस्त में शुरू होने की संभावना है।
जेल रेडियो के प्रयोग
जिला जेल, आगरा का यह जेल रेडियो उत्तर प्रदेश की बाकी जेलों में रेडियो को लेकर एक नींव बना। कोरोना के दौरान जेल ने बंदियों के मनोबल को बनाया। इसी रेडियो के जरिए जेल में महत्वपूरण सूचनाएं बंदियों तक पहुंचाई गीं। मुलाकातें बंद होने पर यही उनके संवाद का सबसे बड़ा जरिया बना। इसकी मदद से बंदियों कोरोना के प्रति जागरुक किया जाता गया। वे इसके जरिए अपनी पसंद के गाने सुन पाते हैं। अपनी हिस्सेदारी को लेकर उनमें खूब रोमांच रहता है। महिला बंदियों को कजरी गीत गाने में विशेष आनंद आता है। रेडियो की पंच लाइन ‘कुछ खास है हम सभी में’ ने सबमें प्रेरणा का संचार किया है। इस दौरान वर्तिका नन्दा ने उतर प्रदेश की जेलों पर एक विशेष शोध किया जो कि भारतीय जेलों में महिलाओं और बच्चों की संचार की जरूरतों पर आधारित था। 2020 में ICSSR के लिए किए गए उनके इस शोध को उत्कृष्ट माना गया है और अब यह एक पुस्तक के रूप में सामने आ रहा है। इस शोध के केंद्र में जिला जेल, आगरा थी।
District Jail, Agra: 2019
Vartika Nanda did extensive research on the “Condition of women inmates and their children in Indian Prisons and their communication needs with special reference to Uttar Pradesh” in 2019-20. During this period, she also launched Prison Radio in District Jail, Agra. Tinka Jail Radio in DJ, Agra was inaugurated by Babloo Kumar, IPS, Senior Superintendent of Police, Agra, Shashi Kant Mishra, Superintendent, Agra District Jail, and Vartika Nanda, prison reformer on 31st July 2019. This is the oldest prison building in India.
The beginning of Covid-19 in India brought a ban on visitations in all jails. This was the time when the potential and need for radio was realized more deeply. During the pandemic, prison radio played an even more significant role, becoming the major source of information and entertainment for incarcerated souls. During this time, the Tinka Model of Prison Radio started taking shape.
Later, radios were launched in the jails of Haryana and in District Jail, Dehradun.
Story on Website: http://tinkatinka.org/jail-radio/
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