Featured book on Jail

SOURCES OF NEWS.: UNIT 1

Dec 10, 2011

ठगिनी माया

सफर ठगे जाने के बाद शुरू होता है
अपने से
पराये से
किसी पराये अपने से

बीचों बीच रौशनी के बुझने
सुरंग के लंबे खिंच जाने
मायूसी की लंबी लकीर के बीच

ठगे जाने के मुहावरे हमेशा पुराने होते हैं
लेकिन ठगा गया इंसान नया
और उससे निकला सबक भी

No comments: