Dec 14, 2019

2019: Tinka Tinka Dasna: Book on prison life

Tinka Tinka Dasna: Book on prison life

Location: Dasna Jail, Uttar Pradesh

Year: 2019

Tinka Tinka Dasna is part of the popular series on prison movement. Initiated by prison reformer Vartika Nanda, Tinka Tinka is an umbrella attempting to connect prisons.


Tinka Tinka Dasna was a major project that produced a detailed book on the lives of those going through imprisonment.

Dec 13, 2019

बंदी और जेलकर्मी हुए सम्मानित

जिला जेल में रविवार को पांचवे अखिल भारतीय तिनका तिनका अवॉर्ड 2019 समारोह का आयोजन हुआ। इस बार यहां हुई पेंटिंग प्रतियोगिता की थीम 'जेल में रेडियो'



जिला जेल में रविवार को पांचवे अखिल भारतीय तिनका तिनका अवॉर्ड 2019 समारोह का आयोजन हुआ। इस बार यहां हुई पेंटिंग प्रतियोगिता की थीम 'जेल में रेडियो' थी। बिलासपुर जेल के अजय ने पेंटिंग में प्रथम स्थान, केन्द्रीय जेल के अजय फूल सिंह ने दूसरा, सहारनपुर जेल के निगम पवार, बरेली के बंदी दिनेश कुमार को तीसरा स्थान हासिल किया।

इन सभी को डीजी जेल आनंद कुमार, पूर्व डीजीपी सुलखान सिंह और तिनका-तिनका संस्था की संस्थापक वर्तिका नंदा ने पुरस्कृत किया।

इसके अलावा बांदा के जेलर रंजित कुमार सिंह, लखनऊ के संतोष कुमार सिंह, कौशाम्बी के बीएस मुकंद, मैनपुरी के ब्रजेश कुमार, नारी बंदी निकेतन की शबाना निगार, महाराष्ट्र से समाकांत चन्द्रकांत शडगे, कपूरथला से सुरेन्द्रपाल खन्ना, अलवर से भगतलाल मीना, लखनऊ जिला कारागार के सुपरिटेंडेंट को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर संस्था की संस्थापक वर्तिका नंदा की किताब 'तिनका-तिनका डासना' का भी विमोचन किया गया।

Dec 11, 2019

प्रचंड जनता: अखिल भारतीय तिनका तिनका इंडिया अवार्ड्स से जेलर बीएस मुकुंद हुए सम्मानित

विगत दो वर्षों में जेल की प्रशासनिक व्यवस्था में विशेष सुधार के लिए मानवाधिकार दिवस पर दिए जाने वाले तिनका तिनका अखिल भारतीय पुरस्कार से कौशाम्बी जेल के जेलर बीएस मुकुंद को लखनऊ में सम्मानित किया गया।


पुरस्कार वितरण प्रति वर्ष जेलों में सुधार के लिए मानवाधिकार दिवस के अवसर पर तिनका तिनका फ़ाउंडेशन द्वारा दिया जाता है। पाँचवे अखिल भारतीय पुरस्कार के लिए कौशाम्बी के जेलर बीएस मुकुंद को चुना गया। बता दें कि मानवाधिकार दिवस पर तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स जेलों में सृजन करने वाले बंदियों और विशेष काम कर रहे जेल अधिकारियों का सम्मान करते हैं।

भारत की जानी-मानी जेल सुधारक वर्तिका नन्दा ने तिनका तिनका अवार्ड्स की शुरुआत की है। हर साल तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स चयनित बंदियों और जेल कर्मचारियों की उपस्थिति में देश की किसी जेल में जारी किए जाते हैं।

यह पुरस्कारों का पांचवा साल है। इस वर्ष 2019 में यह अवॉर्ड जेल सुधार में किए गए कार्यों के आधार पर महाराष्ट्र के समकांत चंद्रकांत शदगेपंजाब के कपूरथला जेल के अधीक्षक सुरेंद्र पाल खन्नाअलवर राजस्थान से भरत लाल मीणायूपी से पीएन पाण्डेयवरिष्ठ जेल अधीक्षक लखनऊबीएस मुकुंद जेलर कौशाम्बी को प्रदान किया गया। इन्हें यह अवार्ड आरके सिंह जेलर बांदासंतोष कुमार वर्माडिप्टी जेलर सुलखान सिंहपूर्व डीजीपी एवं आनन्द कुमारजेल डीजी के द्वारा देकर सम्मानित किया गया।

बता दूं कि विगत दो वर्षों से कौशाम्बी जिला कारागारनिरंतर जेल सुधारभोजन व्यवस्थाजेल की सफ़ाईमाफिया बन्दियों पर कठोर नियंत्रण के लिये जानी जाती है। अखिल भारतीय पुरुस्कार पाने पर डीआईजी जेल बीआर वर्माडीएम कौशाम्बी मनीष कुमार वर्मा एसपी कौशाम्बी अभिनंदन सिंह पूर्व पुलिस अधीक्षक कौशाम्बी प्रदीप गुप्ता ने जेल अधीक्षक को बधाई दी है। 

Source: प्रचंड जनता

Dec 9, 2019

न्यूज़18इंडिया: जेल में तिनका तिनका उम्मीद का उत्सव: बंदियों को दिए गए अवॉर्ड

जेल में तमाम बंदी ऐसे हैं, जिनमें कई हुनर हैं. वह अपने हुनर को आगे लाने के साथ-साथ दूसरों को भी यह काम करने के लिए प्रेरित करते हैं.


मानवाधिकार दिवस पर तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड लखनऊ की जिला जेल में प्रदान किए गए. तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स जेलों में बंद हुनरमंद बंदियों और विशेष काम कर रहे जेल अधिकारियों को दिया जाता है. इस तरह पेंटिंग की श्रेणी में 13 बंदियों को पुरस्कार दिया गया, आठ बंदियों को जेल में विशेष काम करने और विशेष जेल सेवा के लिए 8 जेलकर्मियों को सम्मानित किया गया. भारत की जानी-मानी जेल सुधारक वर्तिका नन्दा की ओस से अवॉर्ड्स दिए जाते हैं. यह लगातार पांचवा साल है, जब बंदियों को यह पुरस्कार दिया गा है.

इस साल तीन श्रेणियां रहीं- पेंटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार . छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल से अजय को इस साल पेंटिंग में प्रथम पुरस्कार दिया गया है. दूसरा पुरस्कार भोपाल केंद्रीय जेल के संजय फूल सिंह को दिया गया है. तीसरा पुरस्कार उत्तर प्रदेश के दो बंदियों को दिया गया है. 56 वर्षीय निगम पंवार को सहारनपुर जिला जेल से और बरेली से 30 वर्षीय जिला जेल के बंदी दिनेश कुमार को यह पुरस्कार दिया गया है.

पेंटिग में 9 सांत्वना पुरस्कार भी दिए गए हैं. इस बार छत्तीसगढ़ की सेंट्रल जेल, बिलासपुर जेल को 3 पुरस्कार दिए गए हैं. 30 साल के प्रेम सिंह तिहाड़ जेल में बंद हैं. वे पहले फिजियोथेरेपिस्ट थे. उनकी रंग-बिरंगी पेंटिंग यह बताती है कि कैसे रेडियो ने बंदी के अंधेरे और सुनसान भरे जीवन में प्रकाश का काम किया है. 27 वर्षीय भार्गव मनसुख बुटानी गुजरात में सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में बंद हैं.

उत्तर प्रदेश से पूनम शाक्या और अरुण राणा को पुरस्कार दिए गए हैं. पूनम मैनपुरी जिला जेल की बंदी है और अरुण गाजियाबाद जिला जेल में बंदी हैं. मध्य प्रदेश की भोपाल सेंट्रल जेल में बंद 42 वर्षीय सचिन राय और सेंट्रल जेल, भटिंडा के 34 वर्षीय राजा राम को भी सांत्वना पुरस्कार मिला है। राजा राम तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड 2018 में पेंटिंग की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार जीते थे।


विशेष प्रतिभा की श्रेणी में 8 बंदियों को पुरस्कार दिए गए हैं. 46 वर्षीय नवीन आहूजा तिहाड़ जेल में सजायाफ्ता बंदी हैं। जेल में रहते हुए उन्होंने बी.कॉम. की डिग्री और कंप्यूटर में निपुणता हासिल की है। वह साबुन, डिटर्जेंट, हाथ धोने का साबुन व अगरबत्ती समेत अन्य चीज़ों को बनाने में निपुण हैं और वह अन्य बंदियों को इसे बनाने के लिए प्रशिक्षण भी देते हैं। वह बंदियों को विभिन्न पाठ्यक्रमों जैसे कंप्यूटर और होटल प्रबंधन में दाखिला लेने के लिए भी प्रोत्साहित करते हैं.

25 साल की संध्या उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में सजायाफ्ता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल भारत को सिंगल यूज़ प्लास्टिक से मुक्त कराने को आगे बढ़ाते हुए संध्या जेल में कपड़े के थैले बना रही हैं। वह बंदियों के बच्चों को भी पढ़ाती हैं।

विशेष प्रतिभा में आगरा जिला जेल के उदय स्वरूप औऱ तुहिना को तिनका तिनका जेल सुधार मॉडल से जेल रेडियो चलाने के लिए सम्मानित किया गया। वे खास तौर पर इस समारोह के लिए बुलाए गए थे। इन दोनों बंदिययों ने तिनका तिनका जेल सुधार के मॉडल पर आगरा जेल में रेडियो स्थापित करने में विशेष भूमिका निभाई है।

फिरोजाबाद जिला जेल में बंद 35 वर्षीय कमलेश अपनी साथी महिला बंदियों को बीमारी और जरूरत के समय में अनुकरणीय सहायता देती हैं। 22 साल की योगेश्वरी भोपाल जेल में सजायाफ्ता हैं। वह एक योग्य मनोवैज्ञानिक हैं और वह महिला बंदियों के जीवन में सुधार लाने के लिए सकारात्मक और रचनात्मक प्रयास कर रही हैं।

28 वर्षीय चरण सिंह राजस्थान की अलवर सेंट्रल जेल में सजायाफ्ता हैं। वह CRPF में सब-इंस्पेक्टर हैं उन्होंने जेल कॉलिंग सिस्टम का उपयोग करने के लिए बंदियों की मदद करके जेल प्रणाली की मदद की है। वह जेल रेडियो में जॉकी भी है। 60 वर्षीय, उत्तम शांतराम पोतदार इन-हाउस जेल रेडियो में एक रेडियो जॉकी के रूप में काम कर रहे हैं, जिसे "एफएम लाई भर्री" कहा जाता है जिसमें उन्होंने जेल सुधारों से संबंधित कई कार्यक्रमों की रचना की है।

8 जेल अधिकारियों को इस साल तिनका तिनका अवार्ड दिए गए। बांदा के जेलर रंजीत कुमार सिंह, लखनऊ से संतोष कुमार सिंह, कौशांबी से बी एस मुकुंद, मैनपुरी से ब्रजेश कुमार, नारी बंदी निकेतन लखनऊ से शबनम निगार, महाराष्ट्र से समाकांत चंद्रकांत शडगे, कपूरथला से सुरिंदर पाल खन्ना, अलवर से भरत लाल मीणा को सम्मानित किया गया है। लखनऊ जिला कारागार के सुपरिटेंडेंट पी एन पांडे को विशेष जेल सेवा सम्मान दिया गया।

इस मौके पर जेलों पर वर्तिका नन्दा की किताब तिनका तिनका डासना का भी विमोचन किया गया। पुरस्कार में बांदा जेल में बना विशेष मोमेंटो, जेल में बने कुछ थैले, जेलों पर किताबें और एक सर्टिफिकेट दिया गया है। समारोह में बीपीसीएस और बैंक और बड़ौदा का सहयोग भी रहा।

वर्तिका नन्दा जेल सुधारक हैं और तिनका तिनका भारतीय जेलों पर उनकी श्रृंखला है। वे 2014 में भारत के राष्ट्रपति से स्त्री शक्ति पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं। इस साल निर्णायक मंडल में श्री जावेद अहमद, आईपीएस, महानिदेशक, एनआईसीएफएस, श्री राम फल यादव, आईपीएस, महानिदेशक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका रहे।

हिन्दुस्तान: बरेली के बंदी जो मिला पुरस्कार

मिनी: बरेली के कैदी को लखनऊ जेल में पेंटिंग प्रतियोगिता में मिला तीसरा स्थान

Inshorts: सहारनपुर जेल के बंदी को पेंटिंग श्रेणी में मिला अखिल भारतीय तिनका तिनका अवॉर्ड

हिन्दुस्तान: जेल आने वाले कई बंदी निर्दोष होते हैं: डीजी जेल

 

दैनिक जागरण: जेल में हुनर साझा कर बंदी गढ़ रहे प्रतिभा की इबारत

Dec 6, 2019

Hindimedia.in: तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड- 5वां साल जेलों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार

मानवाधिकार दिवस पर दिए जाने वाले तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड की महत्वपूर्ण सूचना जारी की जा रही है। तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स जेलों में सृजन करने वाले बंदियों और विशेष काम कर रहे जेल अधिकारियों का सम्मान करते हैं। भारत की जानी-मानी जेल सुधारक वर्तिका नन्दा ने तिनका तिनका अवार्ड्स की परिकल्पना की है. हर साल तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स चयनित बंदियों और जेल कर्मचारियों की उपस्थिति में देश की किसी जेल में जारी किए जाते हैं. यह पुरस्कारों का पांचवा साल है।

इस साल तीन श्रेणियां रहीं- पेंटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार
इस साल निर्णायक मंडल में श्री जावेद अहमद, आईपीएस, महानिदेशक, एनआईसीएफएस, श्री राम फल यादव, आईपीएस, महानिदेशक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका रहे।
इस वर्ष पेंटिंग की थीम है- जेल में रेडियो. बंदियों को इस विषय पर पेंटिंग और स्केच बनाने के लिए कहा गया था ,बावजूद इसके कि वे जिस जेल में बंद हैं, वहां रेडियो की उपलब्धता है या नहीं। इस थीम का उद्देश्य था- बंदियों की संचार की जरूरतों के प्रति जागरूकता लाना. इस प्रक्रिया में तिनका तिनका ने आगरा जिला जेल में रेडियो की शुरुआत की है. यह भारत की सबसे पुरानी जेल है. यह तिनका तिनका प्रिज़न रिफॉर्म्स का मॉडल है जो अगले कुछ महीनों में आकार ले लेगा.
इस साल पेंटिंग श्रेणी में बंदियों के कुल 144 नामांकन आए हैं. इस वर्ष अधिकतम नामांकन बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से आए, जहां से 44 कैदियों को पेंटिंग श्रेणी के लिए नामित किया गया था. वहीं उत्तर प्रदेश राज्य से इसी श्रेणी में कुल 35 नामांकन आए हैं.
इस साल भी विभिन्न आयु वर्ग के बंदियों ने तिनका तिनका के इस वार्षिक आयोजन में भाग लिया है. पेंटिंग की श्रेणी में सबसे कम उम्र के बंदियों में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल से धीरज कोरी और छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल से सीतला हैं। दोनों की उम्र 18 वर्ष है. इस श्रेणी में सबसे उम्रदराज़ बंदी बिलासपुर जेल से 75 वर्ष की आयु के साथ भेषलाल हैं. चलने में असमर्थ होने के बावजूद भेषलाल ने 2018 में जेल में ज़िंदगी थीम पर पेंटिंग बनाई थी. इस पेंटिंग को पेंटिंग की श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला था. तिनका तिनका के अनुरोध के बाद बिलासपुर जेल के तत्कालीन अधीक्षक एस.एस. तिग्गा ने जेल में एक पेंटिंग स्टूडियो बनवाया जिसमें कैदियों को उनके रचनात्मक कौशल को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
विशेष प्रतिभा श्रेणी में 19 बंदियों के नामांकन प्राप्त हुए. यह पुरस्कार उन बंदियों को दिया जाता है जिन्होंने जेल के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव लाने का प्रयास किया है. इस श्रेणी में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी चंडीगढ़ की जेल के 22 वर्षीय राहुल हैं। वह जेल के वेल्डिंग सेक्शन में काम करते हैं. इसी श्रेणी में चंडीगढ़ की ही जेल से सबसे उम्रदराज बंदी प्रिया स्वामी हैं और उनकी उम्र 64 वर्ष है और वह जेल के पॉलिश सेक्शन में काम करते हैं.
इस साल 28 जेल कर्मचारियों ने अपने संबंधित राज्य मुख्यालय के माध्यम से तिनका तिनका पुरस्कारों 2019 के लिए आवेदन किया था. यह श्रेणी उन जेल कर्मियों के योगदान को सम्मान देती है जो ड्यूटी के अपने नियमित काम से आगे जाकर जेल सुधार में अपना योगदान देते हैं
इस साल उत्तर प्रदेश की ज़िला जेल बांदा के 7 बंदियों द्वारा स्मृति चिह्न बनाए गए हैं. इनमें शिव प्रसाद (सीटी), लवकुश (यूटी), सिकंदर (सीटी), जानकी (यूटी), अजय (सीटी), अमित (यूटी) और अनिल (यूटी) हैं. यह पंखें जेल में डिज़ाइन किए गए हैं और इनमें एलईडी लाइट लगी हुई है. तिनका तिनका ने एक नोडल कार्यालय / जेल में बने स्मृति चिह्न प्राप्त करने की प्रक्रिया शुरू की है जिसे पूरे भारत की जेलों में भेजा जाता है। इसका मकसद अन्य जेलों को उनके अंदर रचनात्मकता लाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
जेल में रेडियो थीम के साथ इस साल लखनऊ की जेल में विशेष प्रकार के पेपर का बैग बनाया गया और इसका स्केच आगरा जिला जेल में बंद 26 वर्षीय उदय स्वरुप ने बनाया है.
2018 में यह समारोह जयपुर की केंद्रीय जेल और 2017 में तिहाड़ जेल, दिल्ली में हुआ था। इस साल यह समारोह लखनऊ की जिला जेल में 8 दिसंबर, 2019 को होगा। पुरस्कारों को श्री आनन्द कुमार, महानिदेशक, कारागार, उत्तर प्रदेश, श्री सुलखान सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उतर प्रदेश और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका देंगे।
तिनका तिनका श्रृंखला के तहत तिनका तिनका मध्यप्रदेश, तिनका तिनका डासना और तिनका तिनका तिहाड़ का प्रकाशन किया जा चुका है। यह जेल सुधार पर चर्चित पुस्तकें हैं।

तिनका तिनका इंडिया अवार्ड: लखनऊ ज़िला कारागार में

अखिल भारतीय तिनका तिनका अवॉर्ड अपने पांचवे साल में प्रवेश कर चुका है। 2018 में यह सम्मान जयपुर सेंट्रल जेल में दिया गया था जबकि 2017 में इन्हें दिल्ली की तिहाड़ जेल में आयोजित किया गया। इस साल यह सम्मान समारोह तिनका तिनका उत्तर प्रदेश की लखनऊ जेल के सहयोग से आयोजित कर रहा है और यह उसका निमंत्रण पत्र है।

2019 Tinka India Awards Curtain Raiser

Tinka Tinka India Awards for the year 2019 will be released in Lucknow District jail on December 8, 2019. These will be released by Shri Anand Kumar, IPS, DG Prisons, Uttar Pradesh, Shri Sulkhan Singh, Former DG Police, Uttar Pradesh and Vartika Nanda, Founder, Tinka Tinka.

These awards are dedicated to the cause of Human Rights. Tinka Tinka Awards have been initiated by Vartika Nanda, India’s leading prison reformer. Every year Tinka Tinka Awards are released in a prison in the presence of inmates and jail staff. Ceremony for 2018 took place in Jaipur Central jail and 2017 in Tihar Jail, Delhi. This year the theme for painting was Radio in Jails.


Tinka Tinka India Awards had three categories this year- Painting, Special Mention and awards for jail staff. Total number of nominations for inmates in the Painting section is 144. This year maximum nominations came from Bilaspur, Chhattisgarh with 44 inmates being nominated for the painting category.

This was followed by Uttar Pradesh with 35 entries for nomination in the same section. In the Special Talent section for inmates, 19 nominations were received. This award honors those inmates who have attempted to bring significant positive influence on jail life.

This year 28 jail staff had applied for Tinka Tinka India Awards, through their respective state headquarters. This category recognises the contribution of those jail personnel who go beyond their regular call of duty and contribute in the reformation process. This year 28 jail staff had applied for Tinka Tinka India Awards, through their respective state headquarters. This category recognises the contribution of those jail personnel who go beyond their regular call of duty and contribute in the reformation process. 

सलाखों के पीछे से बाहर आ रहा हुनर, कैदियों को मिलेगा 'तिनका-तिनका' अवॉर्ड

कहते हैं हुनर की कोई न सीमा होता है और न उसे छुपाया जा सकता है. इसी हुनर को बाहर लाने और जेल में बंद कैदियों का जीवन बेहतर बनाने के लिए तिनका-तिनका इंडिया की ओर से काम किया जा रहा है. हर साल की तरह इस साल भी जेल में बंद कैदियों के लिए रचनात्मक प्रयोगिताओं का आयोजन किया गया और जो कैदी विजेता बने उन्हें पुरस्कार दिया गया. ये लगातार पांचवां साल है, जब कैदियों को पुरस्कार दिए गए हैं.

तीन श्रेणियों में पुरस्कार
तिनका-तिनका पुरस्कार की तीन श्रेणियां हैं. पहला पेटिंग, विशेष प्रतिभा और जेल प्रशासकों के लिए पुरस्कार. ये सभी पुरस्कार विजेताओं को मानवाधिकार दिवस पर दिए गए.
पेटिंग की थीम क्या थी?

इस साल पेंटिंग की थीम थी- जेल में रेडियो. बंदियों को इस विषय पर पेंटिंग और स्केच बनाने के लिए कहा गया. इस थीम का उद्देश्य था- बंदियों की संचार की जरूरतों के प्रति जागरूकता लाना. इस प्रक्रिया में तिनका-तिनका ने आगरा जिला जेल में रेडियो की शुरुआत की है. यह भारत की सबसे पुरानी जेल है. यह तिनका तिनका प्रिज़न रिफॉर्म्स का मॉडल है, जो अगले कुछ महीनों में आकार ले लेगा.

इस साल पेंटिंग श्रेणी में बंदियों के कुल 144 नामांकन आए. इस वर्ष अधिकतम नामांकन बिलासपुर, छत्तीसगढ़ से आए, जहां से 44 कैदियों को पेंटिंग श्रेणी के लिए नामित किया गया. वहीं उत्तर प्रदेश से इसी श्रेणी में कुल 35 नामांकन आए. पेंटिंग की श्रेणी में सबसे कम उम्र के बंदियों में उत्तर प्रदेश की बांदा जेल से धीरज कोरी और छत्तीसगढ़ की बिलासपुर जेल से सीतला हैं. दोनों की उम्र 18 वर्ष है. इस श्रेणी में सबसे उम्रदराज़ बंदी बिलासपुर जेल से 75 वर्ष की आयु के साथ भेषलाल हैं. चलने में असमर्थ होने के बावजूद भेषलाल ने 2018 में 'जेल में ज़िंदगी थीम' पर पेंटिंग बनाई थी. इस पेंटिंग को पेंटिंग श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला था. तिनका तिनका के अनुरोध के बाद बिलासपुर जेल के तत्कालीन अधीक्षक एस.एस. तिग्गा ने जेल में एक पेंटिंग स्टूडियो बनवाया, जिसमें कैदियों को उनके रचनात्मक कौशल को अभिव्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.

विशेष प्रतिभा श्रेणी
विशेष प्रतिभा श्रेणी में 19 बंदियों के नामांकन प्राप्त हुए. यह पुरस्कार उन बंदियों को दिया जाता है, जिन्होंने जेल के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव लाने का प्रयास किया है. इस श्रेणी में सबसे कम उम्र के प्रतिभागी चंडीगढ़ की जेल के 22 वर्षीय राहुल हैं. वह जेल के वेल्डिंग सेक्शन में काम करते हैं. इसी श्रेणी में चंडीगढ़ की ही जेल से सबसे उम्रदराज बंदी प्रिया स्वामी हैं और उनकी उम्र 64 वर्ष है और वह जेल के पॉलिश सेक्शन में काम करते हैं.

इस साल 28 जेल कर्मचारियों ने अपने संबंधित राज्य मुख्यालय के माध्यम से तिनका-तिनका पुरस्कार 2019 के लिए आवेदन किया था. यह श्रेणी उन जेल कर्मियों के योगदान को सम्मान देती है जो ड्यूटी के अपने नियमित काम से आगे बढ़कर जेल सुधार में अपना योगदान देते हैं. इस साल निर्णायक मंडल में श्री जावेद अहमद (IPS, महानिदेशक, एनआईसीएफएस), श्री राम फल यादव (IPS, महानिदेशक, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो) और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका रहे.
भारत की जानी-मानी जेल सुधारक वर्तिका नन्दा ने तिनका तिनका अवार्ड्स की परिकल्पना की है. हर साल तिनका तिनका इंडिया अवॉर्ड्स चयनित बंदियों और जेल कर्मचारियों की उपस्थिति में देश की किसी जेल में जारी किए जाते हैं. यह पुरस्कारों का पांचवा साल है. 2018 में यह समारोह जयपुर की केंद्रीय जेल और 2017 में तिहाड़ जेल, दिल्ली में हुआ था. इस साल यह समारोह लखनऊ की जिला जेल में 8 दिसंबर, 2019 को होगा. पुरस्कारों को श्री आनन्द कुमार, महानिदेशक, कारागार, उत्तर प्रदेश, श्री सुलखान सिंह, पूर्व पुलिस महानिदेशक, उतर प्रदेश और वर्तिका नन्दा, संस्थापक, तिनका तिनका देंगे.

तिनका तिनका श्रृंखला के तहत तिनका तिनका मध्यप्रदेश, तिनका तिनका डासना और तिनका तिनका तिहाड़ का प्रकाशन किया जा चुका है. यह जेल सुधार पर चर्चित पुस्तकें हैं.